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गुमट हनुमान मंदिर पर 50 वर्ष से होता अन्नकूट, प्रसादी पाते हैं हजारों श्रद्धालु

बाड़ी शहर का सबसे बड़ा अन्नकूट महोत्सव दीपावली के बाद बाड़ी उपखंड सहित संपूर्ण जिले में अन्नकूट प्रसादी का आयोजन बड़े पैमाने पर किया जाता है। जिसके तहत सार्वजनिक तौर पर उगाही कर सभी के सहयोग से विभिन्न सार्वजनिक स्थलों, मंदिरों, धर्मशाला आदि परिसरों में अन्नकूट प्रसादी बनाई जाती है। सभी को सामूहिक तौर पर उसके लिए आमंत्रित किया जाता है।  

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अजमेर

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Dilip Sharma

Nov 11, 2021

गुमट हनुमान मंदिर पर 50 वर्ष से होता अन्नकूट, प्रसादी पाते हैं हजारों श्रद्धालु

गुमट हनुमान मंदिर पर 50 वर्ष से होता अन्नकूट, प्रसादी पाते हैं हजारों श्रद्धालु

बाड़ी. दीपावली के बाद बाड़ी उपखंड सहित संपूर्ण जिले में अन्नकूट प्रसादी का आयोजन बड़े पैमाने पर किया जाता है। जिसके तहत सार्वजनिक तौर पर उगाही कर सभी के सहयोग से विभिन्न सार्वजनिक स्थलों, मंदिरों, धर्मशाला आदि परिसरों में अन्नकूट प्रसादी बनाई जाती है। सभी को सामूहिक तौर पर उसके लिए आमंत्रित किया जाता है। ऐसी ही परंपरा बाड़ी के गुमट स्कूल हनुमान मंदिर पर भी विगत 50 वर्षों से निरंतर जारी है। जिसके तहत इस वर्ष भी दीपावली के एक दिन बाद अन्नकूट प्रसादी बनाई गई। संस्था के मुख्य व्यवस्थपक बल्ली अग्रवाल ने बताया कि बाड़ी के हनुमान मंदिर गुमट स्कूल में विगत 50 वर्षों से अन्नकूट प्रसादी बनाकर उसे सार्वजनिक रूप से वितरित किए जाने की परंपरा चली आ रही है। इस बार भी बड़े पैमाने पर लोगों से उगाई की गई। उसे सार्वजनिक तौर पर तकरीबन 7 से 8000 लोगों के लिए अन्नकूट प्रसादी तैयार करवाई गई। घरों तक पहुंचाया जाता है प्रसाद

हनुमान मंदिर पर आयोजित कार्यक्रम के आयोजक भुवनेश बंसल ने बताया कि प्रतिवर्ष इसी तरह से सार्वजनिक तौर पर बिना किसी भेदभाव सभी को अन्नकूट प्रसादी उपलब्ध कराई जाती है। महिलाएं और ब'चे जो सार्वजनिक तौर पर भोजन करने में असक्षम है, उनके लिए टिफिन के माध्यम से प्रसादी घर पर पहुंचाई जाती है। आयोजकों में सुभाष चंद्र बंसल पिपरोंन वाले, गोविंद प्रसाद मंगल बिजली वाले, सुरेश बिंदल, दुर्गा प्रसाद गर्ग, राजेश मंगल, अनिल गर्ग, रामनिवास अन्य लोग शामिल रहे।

इन्होंने शुरू की परम्परा
अन्नकूट महोत्सव की शुरुआत स्व. रामदयाल नमकीन वालों की देखरेख में हुई। उनके साथ गोविंद प्रसाद, रामशरण लाल सैंदा, विपतीराम जिंदल, हरीश चंद्र नेताजी, सुभाष नमकीन वाले, उमेश चंद हलवाई, विजय डेरी वाले, चरण सिंह कुशवाह, रोशन लाल जिंदल आदि लोगों का भी इसमें वर्तमान में सहयोग रहा है।

बाड़ी. गुमट स्कूल मंदिर में बरसों पुरानी स्थापित हनुमानजी की प्रतिमा।

इनका कहना है
मंदिर प्रांगण में एक सत्संग भवन भी है। जिसमें शाम को महिलाएं रोजाना सत्संग करती है तथा रात को 8 बजे से भक्तों द्वारा रामायण का पाठ भी नियमित रूप से किया जाता है।बद्री प्रसाद पाराशर, हनुमान मंदिर के पुजारी।

मैं लगभग &0 वर्षों से मंदिर व्यवस्था से जुड़ा हूं। यह अन्नकूट महोत्सव जो निरंतर चला रहा है , उसमे सभी का सहयोग रहता है। यह शहर का सबसे बड़ा अन्नकूट महोत्सव है।बल्ली जिंदल, मुख्य व्यवस्थापक।

हनुमान मंदिर पर प्रत्येक शनिवार एवं मंगलवार को विधि विधान से चोला चढ़ाया जाता है। जिसकी तैयारी बल्ली बिंदल द्वारा की जाती है।गोविंद मंगल, सदस्य अन्नकूट महोत्सव कार्यक्रम

अन्नकूट महोत्सव में बस्ती के सभी लोग तन मन और धन से सहयोग करते हैं। साथ ही सभी नागरिक बढ़ चढ़कर इसमें हिस्सा लेते हैं।मुन्ना कुशवाहा, सदस्य अन्नकूट महोत्सव

मैं लगभग 10 वर्षों से मंदिर से जुड़ा हूं, हजारों श्रद्धालु प्रसादी पाते हैं, बजरंगबली की असीम कृपा से हर बार आयोजन सफल रहता है।सुभाष चंद बंसल, सदस्य अन्नकूट महोत्सव

अन्नकूट प्रसादी वितरण में मैं और मेरा पूरा परिवार लगा रहता है। व्यवस्थित रूप से सभी लोगों को प्रसादी मिले, यही हम सब का प्रयास है।दुर्गा प्रसाद गर्ग, सदस्य अन्नकूट महोत्सव