
माकड़वाली रोड स्थित क्लीनिक पर डॉ. जय प्रकाश से जानकारी लेते क्रिश्चियन गंज थाने से एएसआई मंगाराम।
अजमेर(Ajmer News). शहर में एक 16 माह के बच्चे की खरीद-फरोख्त व अवैध दत्तक ग्रहण की कोशिश का मामला सामने आया है। शनिवार को नि:संतान दम्पती मासूम बच्चे को गोद लेने से पहले चिकित्सक के पास उसकी मेडिकल जांच कराने ले गए। हालांकि उन्होंने बच्चे को एक संस्था के जरिए गोद लेने की बात कबूली। मामले में जिला बाल कल्याण समिति, क्रिश्चियन गंज थाना पुलिस और मानव तस्करी विरोधी शाखा सक्रिय हुई तो दम्पती बच्चे को लेकर भाग निकले।
शनिवार शाम को एक दम्पती 16 महीने के मासूम की स्वास्थ्य की जांच के लिए माकड़वाली रोड स्थित जय क्लीनिक पहुंचे। दम्पती के साथ आए जेएलएन अस्पताल के स्टाफ ने बच्चे का नाम, दम्पती का नाम और पता लिखवा दिया। परामर्श के दौरान डॉ. जयप्रकाश को कथित माता-पिता की ओर से बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर सवाल करना अजीब लगा। उन्होंने बालक के संबंध में पूछताछ की तो उन्होंने गोद लेने(दत्तक ग्रहण) का सच उगल दिया।
दम्पती ने बताया कि उन्होंने जयपुर रोड आरपीएससी के पास स्थित एक संस्था के जरिए बच्चे को दत्तक ग्रहण (गोद लेने) की प्रक्रिया की है। संस्था से 5 हजार की रसीद कटाई है। उन्होंने जयपुर रोड स्थित संस्था की जानकारी दी। जानकारी मिलने पर सक्रिय हुई क्रिश्चियन गंज थाना पुलिस और एएचटीयू पड़ताल में जुटी है।
डॉ. जयप्रकाश से बातचीत में दम्पती ने गोद लेने की प्रक्रिया जारी हाेने की बात कही। डॉ. जयप्रकाश को बालक के गोद से पहले स्वास्थ्य जांच की प्रक्रिया थोड़ी अजीब लगी। दम्पती को जेएलएन अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ क्लीनिक पर लेकर आया था। डॉक्टर को बच्चे के अवैध तरीके से गोद लेने और उससे पहले स्वास्थ्य की जांच करवाने की प्रक्रिया गलत प्रतीत हुई। उन्होंने जिला बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष अंजली शर्मा को सूचना दे दी। अंजली क्रिश्चियन गंज थाना पुलिस व चाइल्ड हेल्प लाइन टीम को भेजा।लेकिन इससे पहले दम्पती बच्चे को लेकर रफू-चक्कर हो गए।
अजमेर में पूर्व में भी सोमलपुर के नाम से अवैध दत्तक ग्रहण केन्द्र संचालित होने के मामले सामने आ चुके है। जहां ना केवल गुजरात अहमदाबाद के नि:संतान दम्पती बल्कि अजमेर और ब्यावर शहर के दम्पती को भी बच्चा गोद दिलवाने का झांसा देकर रकम ऐंठने का खेल चल रहा था। मामले में ब्यावर शहर में अजमेर रोड पर एक ऑफिस में दबिश देकर ब्यावर पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश भी किया था।]
दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया अव्वल तो कारा के जरिए होती है। रिश्तेदारी में भी गोद लेने में भी जिला बाल संरक्षण इकाई (डीसीपीयू) के जरिए प्रक्रिया पूरी की जाती है। कोई यदि संस्था बनाकर अवैध तरीके से बच्चे गोद देने का काम कर रहा है तो कार्रवाई की जाएगी। क्रिश्चियन गंज थाना पुलिस व मानव तस्करी विरोधी शाखा प्रकरण की पड़ताल में जुटी है।
अंजली शर्मा, अध्यक्ष जिला बाल कल्याण समिति अजमेर
Updated on:
14 Sept 2025 02:16 am
Published on:
14 Sept 2025 02:15 am
बड़ी खबरें
View Allअजमेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
