
आयुर्वेद
महावीर भट्ट.
पुष्कर. पुष्कर का सरकारी आयुर्वेद औषधालय पिछले पन्द्रह महिनों से दो महिला नर्सों के भरोसे चल रहा है। वैद्य का पद पद्रह माह से रिक्त पड़ा है। औषधियों का टोटा है। दो महिला नर्स ही वैद्य की जगह अपने अनुभव के आधार पर अनधारिक रूप से गिने-चुने चूर्ण व क्वाथ देकर रोगियों की चिकित्सा का प्रयास कर रही हैं। चिकित्सालय में औषधि वितरण से लेकर पंचकर्म चिकित्सा तक सारी व्यवस्थाएं पूरी तरह से ठप पड़ी हैं। यह स्थिति तो तब जब है कि अजमेर में विभाग का निदेशालय।
औषधियों का भी टोटा
वर्तमान में औषधालय में दर्दनिवारक, जुकाम, बुखार, खांसी, कब्ज, उदर विकार के रोगों के इलाज की दवाईयों के साथ साथ, गुग्गल व पट्टियां, त्रिफला, हरितकी, उदावृत औषधि नहीं है। केवल काढ़ा, इ्रसबगोल, सोसान्तक वटी, जन्मघुट्टी, दशमूल क्वाथ जैसी औषधियंा है जो रोजमर्रा रोगियों के काम नही आती।
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रोगी लौट रहे निराश
औषधालय में वैद्य नहीं होने से रोगी निराश लौट रहे हंै। रोगियों की संख्या घतटी जा रही है विदेशी पर्यटकों को आयुर्वेद इलाज के प्रति अधिक रूझान रहता है लेकिन अव्यवस्था के कारण पर्यटक इस चिकित्सा का लाभ नही ले पा रहे है।
वैद्यों ने ज्वॉइन ही नही की, आए और गए
रिकार्ड पर नजर डालें तो वैद्य निर्मल शर्मा के 13 जुलाई को पदस्थापन के आदेश हुए लेकिन उन्होंने ज्वॉइन नहीं किया तथा 24 अगस्त 2018 को उनका तबादला कर दिया गया। इसके बाद 25 अगस्त 18 को सीट खाली हो गई। इसके बाद गुलाब चन्द शर्मा नामक वैद्य को 4 मार्च 2019 को जयपुर जिले से पुष्कर के लिए रिलीव कर दिए गए उन्होंने भी ज्वॉइन नहीं किया तथा तबादला करा लिया। इसके बसद नवलकिशोर शर्मा को लगाया गया लेकिन उन्होंने तबादला आदेश पर स्टे ले लिया। उसके बाद से वैद्य की कुर्सी खाली पड़ी है।
इनका कहना है
वर्तमान में लगे वैद्य ने स्टे ले रखा है अगले सप्ताह तक नई पोस्टिंग कर दी जाएगी।
-सीमा शर्मा, निदेशक आयुर्वेद अजमेर
Published on:
23 Dec 2019 12:45 pm
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