
migrain and tention
अजमेर.
आयुर्वेद पुरानी चिकित्सा पद्धति हैं और इसमें भी पंचकर्म चिकित्सा पद्धति पुरानी बीमारियों को समूल नष्ट करने के लिए जानी जाती है। पंचकर्म में सिरौधारा के माध्यम से माइग्रेन की बीमारी, सिरशूल, तनाव एवं सिर संबंधी बीमारी का उपचार किया जा रहा है। राज्य स्तरीय आरोग्य मेले में पंचकर्म चिकित्सा का लाभ उठा रहे हैं आमजन।
आजाद पार्क में आयोजित राज्य स्तरीय आरोग्य मेले में सिरौधारा एवं कटिवसति से उपचार के लिए सैंकड़ों मरीजों एवं आमजन की कतार लग गई। सिरौधारा के लिए आयुर्वेद औषधियों के युक्त महानारायण तेल का उपयोग करते हुए सिर के ऊपर रखे एक पात्र से इस तेल की धारा को धरे-धीरे सिर (ललाट) पर गिराया जाता है और यह प्रक्रिया करीब आधे घंटे तक होती है।
सिरोधारा से आराम
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के विभागाध्यक्ष डॉ. महेश शर्मा के अनुसार सिरोधारा से माइग्रेन, सिर दर्द आदि का उपचार किया जा रहा है। प्रतिदिन 200 से 250 मरीजों व आमजन इसका लाभ उठा रहे हैं। सिरौधारा करवाने वाले मनोज शर्मा ने बताया कि सिरोधारा से आराम मिला है, दिमाग को शांति मिली है।
कटि वस्ति से कमर दर्द का इलाज
मेले में पंचकर्म विधि के अनुसार कटि वस्ति से कमर का पुराना दर्द दूर करने के लि उपचार किया जा रहा है। कमर दर्द के साथ स्लिपडिस्क आदि पुरानी बीमारी का इलाज किया जा रहा है। बिजयनगर निवासी सुमन ने बताया कि उसने जोधपुर में भी कमरवस्ति करवाई थी इससे कमर दर्द में फायदा मिला है। डॉ. शर्मा के अनुसार घुटनों के पुराने दर्द के इलाज के लिए जानुधारा, घुटनों के जॉइंट में गेप के इलाज के लिए जानुवस्ती की जाती है। पुराने दर्द को इन विधि से खत्म किया जा सकता है।
Published on:
24 Feb 2019 02:23 pm
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