
अजमेर. फॉयसागर झील से आनासागर तक पानी पहुंचाने वाली बांडी नदी पिछले कई साल से अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। निरंतर इस पर अतिक्रमण के प्रहार हो रहे हैं। कभी बबूल की झाड़ियां कांटे डालकर इस पर कब्जे किए जा रहे हैं। यह सिलसिला कई साल से बदस्तूर जारी है। हाल ही में नदी के बहाव क्षेत्र के कई स्थानों पर मिट्टी से पाट दिए गए हैं। लोगों ने यहां से आवागमन करना शुरू कर दिया है। जिम्मेदार भी बारिश के दौरान जलभराव की स्थिति को देखते रहते हैं। स्थायी हल कोई नहीं करता।
फॉयसागर झील से शुरू होने वाली बांडी नदी के निकलते ही डिफेंस कॉलोनी, आदित्य नगर व कुछ खातेदारी की जमीन भी बताई जा रही है। इसके साथ ही आरकेपुरम से सटे क्षेत्र में भी नदी के पाट की चौड़ाई घट रही है। अजमेर विकास प्राधिकरण मामले में दस्तावेजों की जांच कर नाप-जोख करेगा। इसके बाद बहाव क्षेत्र व कृषि योग्य भूमि का आंकलन किया जा सकेगा। फिलहाल यहां निर्माण सामग्री का मलबा किनारों पर डाला जा रहा है। लोगों का कहना है कि यहां डंपर व ट्रैक्टर ट्रॉलियां आदि मलबा डालकर नदी के पाट को भर रहे हैं।
राजस्थान पत्रिका ने बांडी नदी में अतिक्रमण के मुद्दे को लेकर प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किए। इसके बाद हरकत में आए एडीए प्रशासन ने कुछ माह पूर्व फॉयसागर से ज्ञान विहार तक करीब तीन किलोमीटर के बहाव क्षेत्र को जेसीबी से साफ कराया। इस दौरान अवैध निर्माण, मलबा व झाड़ियों को हटाया गया। ज्ञान विहार तक पानी का बहाव भी नजर आया, लेकिन कुछ ही माह में हालात जस के तस हो गए। मलबा व मिट्टी बहाव क्षेत्र में नजर आ रहे हैं। बबूल की झाड़ियां पुन: उग आए हैं। बारिश आने पर आवासीय क्षेत्र में जलभराव की स्थिति फिर बन सकती है।
Published on:
19 Jul 2024 05:07 pm
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