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Big Issue: बदल सकती है जेईई एडवांस की एग्जाम डेट

इस समिति के अध्यक्ष देबाशीष चक्रवर्ती ने कोरोना संक्रमण के हालात और विद्यार्थियों के आग्रह को देखते हुए परीक्षा तिथि आगे बढ़ाने की जरूरत महसूस की है।

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jee advance exam 2021

jee advance exam 2021

अजमेर.

देश के विभिन्न आईआईटी में प्रवेश के लिए होने वाली जेईई एडवांस परीक्षा-2021 की तिथि बदल सकती है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए आईआईटी खडग़पुर ने इसके संकेत दिए हैं।

जेईई एडवांस परीक्षा 3 जुलाई को कराई जानी है। लेकिन देश भर में कोरोना संक्रमण के हालात को देखते हुए हजारों विद्यार्थियों और उनके परिजनों ने आईआईटी खडग़पुर को ई-मेल और फोन कर तिथि आगे बढ़ाने का आग्रह किया। इसके चलते तीन सदस्यीय परीक्षा आयोजन समिति ने बैठक की है। इस समिति के अध्यक्ष देबाशीष चक्रवर्ती ने कोरोना संक्रमण के हालात और विद्यार्थियों के आग्रह को देखते हुए परीक्षा तिथि आगे बढ़ाने की जरूरत महसूस की है।

जेईई मेन भी स्थगित
जेईई मेन की 27 से 30 अप्रेल तक होने वाली परीक्षा को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी पहले ही स्थगित कर चुकी है। इसके अलावा 24 से 28 मई को प्रस्तावित परीक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में एजेंसी यह परीक्षाएं जून-जुलाई अथवा इसके बाद करा सकती है।


नाग पहाड़ में भरा है मेडिसन का खजाना, हैरान रह जाएंगे आप

रक्तिम तिवारी/अजमेर. आयुर्वेद औषधियों और वनस्पति का सदियों से हमारे जीवन में महत्व रहा है। चरक, सुश्रुत जैसे ऋषि-मुनियों ने आयुर्वेद की महत्ता से दुनिया को रूबरू कराया था। लेकिन हम नाग पहाड़ और मैदानी इलाकों में बिखरे कई नायाब पौधों से ही अन्जान हैं। इनमें कई औषधीय महत्ता से जुड़े हैं। ना तो इनपौधों का अधिकृत आंकड़ा है, ना शैक्षिक संस्थाएं शोध कर रही हैं।

शास्त्री नगर, कोटड़ा, सराधना, तारागढ़, आदर्श नगर, नाग पहाड़, नौसर, घूघरा घाटी, बीर, दांता, जतिया, सरवाड़, किशनगढ़, नूरियावास और ब्यावर के के विभिन्न हिस्सों के वन क्षेत्र में काफी औषधीय महत्व के पौधे मौजूद हैं। इनमें खरणी, कुमठा, अमलताश, आंवला, तुलसी, बेल, देसी बबूल, खैर, एरूंज, धोकड़ा, जूली फ्लोरा, नीम, खेजड़ी चुरैल, करंज, कचनार और अन्य शामिल हैं। झाड़ी वाले प्रजातियों में डासण, गागण, बेर, पियागण, खरेणा,वज्रदंती, थोर, गुल ए बनफशा शामिल हैं।

यह हैं औषधीय महत्व के पौधे
वज्रदंती, बेर, खरेणा, गुल ए बनफशा तो औषधीय महत्व के पौधे हैं। इनका आयुर्वेदिक और यूनानी दवा बनाने में इस्तेमाल होता है। इसी तरह बहते खून रोकने का पौधा रक्त स्तम्भनी (काला भांगरा) अजमेर में कायड़, घूघरा, माकड़वाली सहित नाग पहाड़ पर बहुतायत में दिखता है।