सहेंजे अपनी विरासत
विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि सुदूर प्रांतों से आए पक्षी प्रकृति के पहरेदार हैं। पक्षी और आनासागर अजमेर एकदूसरे के पूरक हैं। यह वास्तव में वल्र्ड फेयर है। राजस्थान पत्रिका ने लोगों को अजमेरवासियों को इनकी महत्ता बताई है। हमें अपनी विरासत, झील, तालाब, पहाड़ को सहेजकर रखना चाहिए। लोगों की भागीदारी से ही शहर स्वच्छ सुंदर और विकसित बन पाएगा।
विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि सुदूर प्रांतों से आए पक्षी प्रकृति के पहरेदार हैं। पक्षी और आनासागर अजमेर एकदूसरे के पूरक हैं। यह वास्तव में वल्र्ड फेयर है। राजस्थान पत्रिका ने लोगों को अजमेरवासियों को इनकी महत्ता बताई है। हमें अपनी विरासत, झील, तालाब, पहाड़ को सहेजकर रखना चाहिए। लोगों की भागीदारी से ही शहर स्वच्छ सुंदर और विकसित बन पाएगा।
आनासागर झील है परिन्दों का घर महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल ने कहा कि तारागढ़-हैप्पी वैली, पुष्कर घाटी की सुंदरता बरसात में देखते ही बनती है। शहर में इतने पक्षियों का आना यहां के खुशनुमा पर्यावरण को दर्शाता है। आनासागर झील तो उनका मनमाफिक घर है। बर्ड फेयर ने अजमेर को एक विशिष्ट पहचान दी है। हमें अपने शहर की प्राचीन विरासत, भवनों की स्थापत्य कला, खान-पान, प्राकृतिक नजारों को चिन्हित कर उन्हें विश्व पटल पर उभारने का प्रयास करना चाहिए।
बनाएंगे परिन्दों के लिए आवास
महापौर धर्मेन्द्र गहलोत ने कहा कि बरसों तक जनप्रतिनिधियों को आनासागर झील में गंदगी, कचरे, दुर्गन्ध की शिकायतें मिलती थी। पत्रिका ने इस सोच और नजारे में बदलाव किया है। बर्ड फेयर ने आनासागर और शहर को जीवन्त बनाने में योगदान दिया है। इससे हमें भी शहर की विरासत और नवाचार की मार्केटिंग का अवसर दिया है। यहां प्रवासी परिन्दों का आना सुखद है। सागर विहार कॉलोनी स्थित नमभूमि तो उनका कुदरती घरौंदा है। इसके चारों ओर दीवार बनाकर पक्षियों के प्राकृतिकआवास को सुरक्षित किया जाएगा।
महापौर धर्मेन्द्र गहलोत ने कहा कि बरसों तक जनप्रतिनिधियों को आनासागर झील में गंदगी, कचरे, दुर्गन्ध की शिकायतें मिलती थी। पत्रिका ने इस सोच और नजारे में बदलाव किया है। बर्ड फेयर ने आनासागर और शहर को जीवन्त बनाने में योगदान दिया है। इससे हमें भी शहर की विरासत और नवाचार की मार्केटिंग का अवसर दिया है। यहां प्रवासी परिन्दों का आना सुखद है। सागर विहार कॉलोनी स्थित नमभूमि तो उनका कुदरती घरौंदा है। इसके चारों ओर दीवार बनाकर पक्षियों के प्राकृतिकआवास को सुरक्षित किया जाएगा।