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बर्ड पार्क में प्रवासी पक्षियों का अब होगा परवाज, सुरक्षा, स्वभाव व खुराक के लिहाज से अनुकूल

आनासागर झील में आने वाले पक्षियों का अब नवनिर्मित बर्ड पार्क ओर रुख होने की उम्मीद, 20 बीघा क्षेत्र में 65 लाख की लागत से तैयार हुआ है पार्क,आनासागर झील से सटा होने से बढ़ेगी सुंदरता

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बर्ड पार्क में प्रवासी पक्षियों का अब होगा परवाज, सुरक्षा, स्वभाव व खुराक के लिहाज से अनुकूल

बर्ड पार्क में प्रवासी पक्षियों का अब होगा परवाज, सुरक्षा, स्वभाव व खुराक के लिहाज से अनुकूल

अजमेर. वैशाली नगर के सागर विहार स्थित बर्ड पार्क में प्रवासी पक्षियों का इंतजार है। यहां अभी चुनिंदा लोकल पक्षी आए हैं। पार्क के भीतर कुछ पानी भरा है तो अधिकतर हिस्से की जमीन छिछलेदार व नम है जो पक्षियों के लिए मुफीद मानी जाती है। दो-तीन मिट्टी के टीबे बनाए गए हैं। इन पर पक्षी बैठ सकेंगे। पार्क की चारदीवारी बनकर तैयार हो गई।

अजमेर स्मार्ट सिटी लि. की ओर से निर्मित यह पार्क प्रवासी पक्षियों के स्वभाव, दिनचर्या व सुरक्षा की दृष्टि से अनुकूल माना जा रहा है। नगर परिषद की यह 20 बीघा जमीन उपेक्षित व अनुपयोगी पड़ी थी। यहां बर्ड पार्क बनने से विभिन्न प्रजातियों के पक्षी परवाज भर सकेंगे। अभी आनासागर झील में भी प्रवासी पक्षियों ने दस्तक नहीं दी है। नवनिर्मित बर्ड पार्क में भी इन पावणों के आने की उम्मीद है।

पक्षियों और आनासागर का गहरा नाता

वैसे आनासागर से प्रवासी पक्षियों का गहरा नाता रहा है,लेकिन स्थानीय पक्षियों की भी कमी नहीं है। जो पूरे साल झील में देखे जा सकते हैं। इनमें गौरेया, कौवा, मोर, बुलबुल, कबूतर, फाख्ता, चील, उल्लू, मैना, टिटहरी, तोता, कोयल, नीलकंठ, कठफोड़वा और बया आदि शामिल हैं। शीत ऋतु में भारत के उत्तर और अन्य ठंडे प्रदेशों तथा हिमालय क्षेत्र से पक्षी आनासागर झील में आते रहे हैं।

इनमें मुख्य रूप से पेलिकन,बाउन हेडेड और ब्लैक हेडेड गल, रिवर टर्न, कूट, डैबचिक, बैगटेल(खंजन पक्षी), एवोसेट, पेंटेड स्टोर्क,आईबिस, बी-ईटर, बाउन रॉक चैट,स्नेक बर्ड, पिनटेल, ब्राहमिनी डक, गैडवाल, ग्रीनरौंक, ग्रेटेरन, पर्पल हेरन, मौलार्ड, मूरटेन,पिपिट, पोचर्ड,रेडरौंक, रेडस्टार्ट,सैंड पाइपर, रोलडक, शॉवेलर, स्ेवाइप, स्पूनविल, कॉमनटील, स्पॉर्ट-बिल्ड डक आदि शामिल हैं।

फ्लेमिंगो ने काटी कन्नी

आनासागर झील में पहले भारी संख्या में फ्लेमिंगो प्रवासी पक्षी आते थे, लेकिन झील के चारों ओर गगनचुम्बी इमारतों के निर्माण,सडक़ों पर दौड़ते वाहन और कोलाहाल के चलते यह पक्षी अब नहीं आ रहे। यह पक्षी छिछले पानी में जमी काई खाते हैं। साथ मेंं छोटी मछलियां इनकी खुराक है। जो बर्ड पार्क में उपलब्ध है।

पक्षियों से रहता पर्यावरण शुद्ध

पक्षी मनुष्य के बिना जीवित रह सकते हैं,लेकिन इंसान पक्षियों के बिना जीवित नहीं रह सकता। पक्षी दिनभर कीट-पतंगें खाकर अपना पेट भरते हैं। इससे पर्यावरण शुद्ध रहता है। यदि पक्षी इन कीटों को नहीं खाएंगे तो इनकी संख्या बेतहाशा बढ़ जाएगी। जो कि पेड़-पौधों की पत्तियों के लिए खतरा है। साथ में दुनिया के अधिकतर जीव भूख से मर जाएंगे। इसलिए पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व के लिए पक्षी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में पक्षियों का संरक्षण जरूरी है।

...आखिर बन गया बर्ड पार्क

आनासागर झील में पक्षी सुरक्षित नहीं माने जा रहे। मत्स्य आखेट के चलते पक्षियों के समूह एक जगह से दूसरी जगह स्थान परिवर्तन करने को मजबूर हैं। कोलाहल व झील के चारों और सघन आबादी होने से पक्षी अपने को असहज महसूस कर रहे हैं। ऐसे में राजस्थान पत्रिका ने कई बार बर्ड पार्क के निर्माण की मांग उठाई। लोगों में पक्षियों के प्रति प्रेम पैदा करने व जागरुकता को लेकर तीन-चार साल तक अंतरराष्ट्रीय पक्षी मेले का आयोजन किया।

इसके चलते स्कूल- कॉलेज, स्वयंसेवी संगठनों समेत आमजन में पक्षियों के प्रति रूचि बढ़ी। अजमेर की कंजर्वेशन सोसायटी ने भी जिला प्रशासन व राज्य सरकार का इस ओर ध्यान आकर्षित कराया। नतीजतन अजमेर स्मार्ट सिटी लि. ने करीब 65 लाख की लागत से बर्ड पार्क का निर्माण करा दिया। जो स्मार्ट सिटी के लिए नायाब तोहफा माना जा सकता है।

इनका कहना है

अजमेर के लिए बर्ड पार्क का निर्माण बहुत बड़ी उपलब्धि है। बरसों पुराननी मांग पूरी हो गई। यहां अब लोकल व प्रवासी पक्षी डेरा डाल सकेंगे। पार्क की जमीन भी पक्षियों के अनुकूल है। साल-दर-साल इस पार्क में पक्षियों की संख्या बढऩे की उम्मीद है। पत्रिका के प्रयासों से बर्ड पार्क का निर्माण संभव हो पाया है।

डॉ. के. के शर्मा, पक्षी विशेषज्ञ

- बर्ड पार्क में पक्षियों की सुरक्षा, सुविधा व मनमाफिक जगह है। पार्क का निर्माण होने से यहां पर्यटक भी आ सकेंगे। पार्क में पर्याप्त पानी, छिछलेदार नम भूमि व पक्षियों की खुराक का भी ध्यान रखा गया है। अभी तक आनासागर झील में पक्षियों के झुंड रहते हैं। अब बर्ड पार्क में इनकी सक्रियता बढ़ सकेगी।

अविनाश शर्मा, अधीक्षण अभियंता,अजमेर स्मार्ट सिटी लि.