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अजमेर. जिला न्यायालय सीकर ने भूमि में करंट आने से एक व्यक्ति की मृत्यु को लेकर अजमेर विद्युत वितण निगम (ajmer discom) के विरुद्ध दायर घातक दुर्घटना अधिनियम के तहत दायर वाद खारिज कर दिया है। न्यायालय ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को आधार मानते हुए निर्णय दिया कि भूमि में करंट आने से पीडि़त के शरीर पर छाले नहीं पड़ते।
सीकर के दूघवालों का बास हाल आबाद चेतनदार की ढाणी तहसील दांतारामगढ़ सीकर निवासी नाथी देवी जाट ने 5 मई 2016 को निगम के एईएन खंडेला, जेईएन, एक्सईएन, एसई, अजमेर डिस्कॉम चेयरमैन के खिलाफ वाद दायर किया था।
इसमें बताया कि 6 फरवरी 2016 को नाथी देवी का पति शीशपाल सिंह खेत में विद्युत पम्प सेट से सिंचाई कर रहा था। फव्वारा पाइप लाइन बदलने के लिए वह ट्रांसफार्मर के पास पहुंचा तो गीली मिट्टी में करंट आने से उसकी मृत्यु हो गई। क्षतिपूर्ति के तौर पर 28 लाख 30 हजार रुपए की मांग की।
जिला न्यायाधीश सीकर देवेन्द्र प्रकाश शर्मा ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताए तथ्यों को आधार माना। इसमें शीशपाल की मृत्यु का कारण बिजली का स्पार्क होना भी बताया गया। प्रतिवादीगण ने बताया कि दाएं हाथ के अंगूठे और बाएं पैर में जो निशान हैं वे स्पार्किंग के हैं। यह निशान गीली मिट्टी में आना संभव नहीं है। न्यायालय ने वाद खारिज कर दिया।
Published on:
24 Nov 2019 09:08 am
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