
ब्रह्मचर्य व्रत उर्जा रिजर्व करने का तरीका-आर्यिका विमल श्री
धौलपुर. यहां दिगम्बर जैन मंदिर मेंं चल रहे पर्युषण महापर्व के दसवें दिन अन्नत चतुर्दशी का पर्व मनाया गया। इस दौराना माताजी आर्यिका विमलश्री ने कहा कि ब्रह्मचर्य व्रत पूजा रिजर्व करने का तरीका है। जिसने अपने आपको अपने आप में लीन कर लिया है। उसी का नाम ब्रह्मचर्य है। निमित्त सामने खड़े हो, उसमें भी हम नहीं डिगे, मजबूत बने रहें। उसे ही कहते हैं उत्तम ब्रह्मचर्य। व्यक्ति के कपड़े दर्पण के समान हैं। कपड़ों से भावों का पता चल जाता है। रंगीन कपड़े पहनने वालों का मन रंगीन, सफेद कपड़े पहनने वालों का मन साफ-स्वच्छ और जो कपड़े नहीं पहनते उनका मन पानी के समान निर्मल होता है। ब्रह्मचर्य धर्म का पालन तो मुनिराज करते हैं, पर हम भी अपनी योग्यता अनुसार ब्रह्मचर्य का पालन कर सकते हैं। परस्त्री पर पुरुष वेश्या, दासी, दास आदि का तो त्याग कर ही सकते हैं। यही श्रावकों का स्वदार संतोषव्रत कहलाता है। जो अपने-आप मैं भगवान को देखना चाहता है। वही महाव्रत ब्रह्मचर्य व्रत को धारण करता है। जो इस ब्रह्मचर्य को पूर्ण रूप से धारण करता है। वह निर्णय कर लेता है कि मेरे अंदर ही भगवान है। भगवान के अभिषेक करने का सौभाग्य विनय कुमार, दीपचंद जैन को, शांति धारा करने का सौभाग्य प्रदीप कुमार, अनिल कुमार मांगरोल वालों को, शांतिनाथ भगवान को निर्वाण लाडू चढ़ाने का सौभाग्य अशोक कुमार, सचिन कुमार जैन को, चंदा प्रभु भगवान को लाडू चढ़ाने का सौभाग्य विनोद कुमार कुलदीप कुमार जैन को प्राप्त हुआ। इस दौरान महिलाओं ने भजन-कीर्तन किया। साथ ही श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की।
चौदस व्रत का किया गया उद्यापन
14 साल तक चौदस व्रत रखने के बाद रविवार को अन्नत चतुर्दशी पर समाज की महिलाओं ने उद्यापन किया। इनमेंं बबीता जैन पत्नी सुनील कुमार जैन, कृष्णा जैन पत्नी पवन जैन, अर्चना जैन पत्नी हरेंद्र जैन शामिल थीं।
Published on:
20 Sept 2021 12:48 am
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