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सीबीएसई : स्टूडेंट्स हो जाएं तैयार, थोड़ी देर में शुरू होंगे सप्लीमेंट्री एग्जाम

बारहवीं की सभी परीक्षाएं इसी दिन खत्म हो जाएंगी। दसवीं की परीक्षाएं 24 जुलाई तक चलेंगी।

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cbse compartment exam

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अजमेर

सीबीएसई की बारहवीं और दसवीं की सप्लीमेंट्री परीक्षाएं सोमवार सुबह 10.30 बजे से प्रारंभ होगी। बारहवीं की सभी परीक्षाएं इसी दिन खत्म हो जाएंगी। दसवीं की परीक्षाएं 24 जुलाई तक चलेंगी। बोर्ड ने परीक्षा की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।

अजमेर रीजन में इस बार बारहवीं में 9 हजार 678 विद्यार्थियों के सप्लीमेंट्री आई है। इनमें 3239 छात्राएं और 6439 छात्र हैं। दसवीं में 13 हजार 321 विद्यार्थियों को सप्लीमेंट्री के योग्य माना गया है। इसके अलावा दिल्ली, चेन्नई, पंचकुला, इलाहाबाद, देहरादून, पटना, भुवनेश्वर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम रीजन में भी विद्यार्थियों के विषयवार सप्लीमेंट्री आई है। इनमें नियमित एवं स्वयंपाठी विद्यार्थी शामिल हैं।

यूं चलेंगी परीक्षाएं (सीबीएसई के अनुसार)

बारहवीं कक्षा-16 जुलाई को सभी विषयों के पेपर एक साथ

दसवीं कक्षा
16 जुलाई-बंगाली, तमिल, मराठी, उर्दू और अन्य भाषाएं17 जुलाई : गणित, पेंटिंग, हिंदुस्तान संगीत (वोकल)18 जुलाई : सामाजिक विज्ञान19 जुलाई: विज्ञान20 जुलाई : हिन्दी कोर्स ए और बी21 जुलाई : इंग्लिश कम्यूनिकेटिव और इंग्लिश लैंग्वेज एन्ड लिटरेचर23 जुलाई: उर्दू कोर्स ए, बी और संस्कृत24 जुलाई : इंट्रोडक्शन टू टूरिज्म, फूड प्रोडक्शन, ब्यूटी एन्ड वेलनेस, बेसिक एग्रीकल्चर, एलीमेंट्स ऑफ बुकीपिंग एन्ड एकाउन्टेंसी, डाइनेमिक्स ऑफ रिटेलिंग, इन्ट्रोडक्शन ऑफ फाइनेंशियल मार्केट, आई. टी


आप भी चौंक जाएंगे इनका इरादा जानकर

राजभवन और उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेज और विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों की 75 फीसदी अटेंडेंस की सूचना मांगी है। हर साल यह सिलसिला चल रहा है। लेकिन कक्षाओं में बायोमेट्रिक अटेंडेंस के अपने आदेश को ही राजभवन लागू नहीं करा पाया है। कुछ हद तक छात्र संगठनों की नाराजगी और संस्थाओं की बेफिक्री भी इसकी जिम्मेदार है।

राज्यपाल कल्याण सिंह ने दो वर्ष पूर्व शिक्षकों-कर्मचारियों की बायोमेट्रिक मशीन से अटेंडेंस की शुरुआत कराई थी। इसके बाद उन्होंने उच्च, तकनीकी, मेडिकल, संस्कृत, आयुर्वेद, विधि अन्य शिक्षण संस्थानों, कॉलेज-विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों की बायोमेट्रिक अटेंडेंस प्रारंभ करने के निर्देश दिए। इस संबंध में राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय कमेटी बनाई थी, जो रिपोर्ट सौंप चुकी है।

फिर भी नहीं हुई शुरुआत

कक्षाओं में विद्यार्थियों की बायोमेट्रिक अटेंडेंस पद्धति का तकनीकी परीक्षण भी किया गया। उच्च शिक्षा विभाग ने बीते सत्र में भरतपुर के एक कॉलेज में इसकी प्रायोगिक तौर पर शुरूआत की। बाद में सभी कॉलेज और विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों की बायोमेट्रिक अटेंडेंस शुरू होनी थी। लेकिन मामला आगे नहीं बढ़ सका।

मांग रहे अटेंडेंस की सूचना

पिछले साल की तरह राजभवन और उच्च शिक्षा विभाग ने इस बार भी सभी विश्वविद्यालयों को पत्र भेजा है। इसमें विभागवार विद्यार्थियों की 75 प्रतिशत उपस्थिति, शॉर्ट अटेंडेंस वाली विद्यार्थियों की सूची, कॉलेज से प्राप्त विद्यार्थियों की अटेंडेंस का ब्यौरा मांगा गया है। हकीकत यह सूचनाएं सिर्फ फाइलों में ही कैद रहती है। हैरानगी की बात है, नियमानुसार कॉलेज को सालाना परीक्षा से पहले संबंधित विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों की उपस्थिति का ब्यौरा भेजना होता है। लेकिन ना विश्वविद्यालय ना कॉलेज इसके प्रति गंभीर हैं।