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तरसाने के बाद बरसी आषाढ़ की घटाएं, अजमेर को कर दिया तरबतर

कई जगह सड़कों और गड्ढों में पानी भर गया। इसके बाद रुक-रुक कर टपका-टपकी का दौर चलता रहा।

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rain pour ajmer

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अजमेर

सुबह उमस और गर्मी से सताने के बाद रविवार दोपहर आषाढ़ की घटाएं बरसी। तेज बरसात ने पूरे शहर को तरबतर किया। कई जगह सड़कों-चौराहों पर पर पानी भर गया। बड़े और छोटे नाले-नालियों में पानी उफन पड़ा।

रविवार सुबह से बादल छाए पर मौसम में बनी उमस और हल्की गर्माहट ने जमकर परेशान किया। लोग पसीने से तरबतर होते रहे। दोपहर करीब 2 बजे काली घटाओं ने खामोशी तोड़ी। तेज गर्जना के साथ वैशाली नगर, शास्त्री नगर, पंचशील, कोटड़ा, लोहागल, नाका मदार, जयपुर रोड, फायसागर सहित आसपास के इलाकों में तेज बरसात हुई। कई जगह सड़कों और गड्ढों में पानी भर गया। इसके बाद रुक-रुक कर टपका-टपकी का दौर चलता रहा।

सड़कों पर भरा पानी

गंज सर्किल, सावित्री चौराहा, जयपुर रोड, वैशाली नगर, माकड़वाली रोड और अन्य इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया। आनासागर में जाने वाले छोटे-बड़े नालों में पानी उफनता दिखा। घरों और पहाड़ी इलाकों से बहता पानी सड़कों पर हिलारें मारता रहा।

बरसात से कुछ राहत

आषाढ़ पहली अच्छी बरसात से लोगों को गर्मी और उमस से कुछ राहत मिली। बच्चों, राहगीरों और दोपहिया वाहन चालकों ने भीगने का लुत्फ उठाया। कई जगह लोग दुकानों और पेड़ों के नीचे खड़े रहकर बरसात बंद होने का इंतजार करते दिखे।

बचे मानसून के 77 दिन

मानूसन की अवधि 1 जून से 30 सितम्बर यानि 122 दिन तक मानी जाती है। इस लिहाज 45 दिन निकल चुके हैं। अब मानसून के केवल 77 दिन बचे हैं। 1 जून से 15 जुलाई तक सिंचाई विभाग ने 94.56 मिलीमीटर बरसात दर्ज की है। जबकि मौसम विभाग के अनुसार 80.88 मिलीमीटर बारिश हुई है। मालूम हो कि राज्य में मानसून की सक्रियता आषाढ़, सावन, भादौ और आश्विन माह तक रहती है।

खाली पड़े हैं जलाशय

जिले के अधिकांश जलाशय खाली पड़े हैं। इनमें राजियावास, मूंडोती, नाहर सागर पिपलाज,ताज सरोवर अरनिया, पारा प्रथम और द्वितीय, फूलसागर कायड़, बीर, बिसून्दनी, मदन सरोवर धानवा और अन्य शामिल हैं