
रक्तिम तिवारी
यूनिवर्सिटी-कॉलेज को दिए जाने वाली नैक एक्रिडिटेशन की प्रक्रिया में बदलाव होगा। मूल्यांकन, मान्यता और रैंकिंग के लिए त्रि-स्तरीय मॉडल लागू होगा। इसको लेकर उच्च स्तरीय कमेटी ने शिक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप दी है। यूजीसी अधिनियम 1956' की धारा 2 के खंड (एफ) और धारा 12 बी के प्रावधानुसार सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी को आवधिक अनुमोदन, मूल्यांकन, के लिए अनिवार्य किया गया है। इसके तहत 5 वर्ष की ब्लॉक अवधि में संस्थानों को शैक्षिक, प्रशासनिक कार्य, शोध और अन्य गतिविधियों के मूल्यांकन के आधार पर ग्रेडिंग मिलती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू होने के बाद नैक एक्रिडिटेशन में भी बदलाव की सिफारिश की गई। इसको लेकर साल 2022 में आईआईटी काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. के.राधाकृष्णनन की 45 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था।
एक ही होगी एजेंसी
राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (नैब), राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (नैक),एआईसीटीई, एनएएसी के स्थान पर राष्ट्रीय प्रत्यायन परिषद (एनएसी) की स्थापना होगी। इसमें उच्च और तकनीकी सहित सभी संस्थानों को दायरे में लाया जाएगा।
यह होगा त्रि-स्तरीय मॉडल
- मान्यता प्राप्त संस्थान
- एक्रिडिटेशन-ग्रेडिंग की प्रतीक्षा (जो सीमा स्तर के करीब)
- मान्यता प्राप्त नहीं (मान्यता के मानकों से बहुत नीचे)
यह भी पढ़ें : आठवीं बोर्ड परीक्षा में हुआ बड़ा बदलाव, डी ग्रेड वाले बच्चे होंगे पास, ई मतलब सप्लीमेंट्री
इन बिंदुओं पर मिलेंगे क्रेडिट
-संस्थान में बुनियादी सुविधाएं
- विद्यार्थियों को उद्यमिता-कौशल के लिए फंडिंग
- संस्थानों की क्षेत्रीय विकास में भागीदारी
- औद्योगिक आवश्यतानुसार ट्रेनिंग
- संस्थानों का नगर निकायों और एजेंसियों को मार्गदर्शन
- सार्वजनिक समस्याओं के निदान में सहयोग
- स्थानीय, राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय स्तर के शोध
देश में मौजूदा स्थिति
डिग्री प्रदान करने वाले 1219 संस्थानों में से 447 (यानी 36.67) को मान्यता
43796 कॉलेजों में से 9479 (21.64 प्रतिशत) को मान्यता
फैक्ट फाइल
900 से ज्यादा यूनिवर्सिटी हैं देश में
7.50 करोड़ विद्यार्थी हैं अध्ययनरत
26.8 प्रतिशत छात्र अध्ययन
27.9 प्रतिशत छात्राएं अध्ययनरत
Published on:
11 Mar 2024 11:12 am
बड़ी खबरें
View Allअजमेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
