
phone call problem
मनीष कुमार सिंह/अजमेर।
अंकल! कौन बोल रहा है। मैं सोनू (बदला हुआ नाम) बोल रहा हूं। पापा-मम्मी से बात करवा दो...। यह हाल है पुलिस अभय कमांड सेंटर में चलने वाले '100 डायल सेवा के। यहां ड्यूटी देने वाले पुलिस के जवान रोजाना सैकड़ों कॉल रिसीव करते हैं। आने वाली इन कॉल को अटेंड करना पुलिसकर्मियों के लिए भी मजबूरी है। आखिर कब, कौनसी कॉल में किसी को पुलिस की मदद की जरूरत पड़ जाए।
स्मार्ट सिटी में पुलिस का स्मार्ट कन्ट्रोल रूम 'अभय कमांड सेंटर जाने अनजाने में बच्चों के मनोरंजन केन्द्र बन चुका है। यहां पुलिस मदद के लिए लगाए गए 100 डायल पर इन दिनों बच्चों की कॉल काफी बढ़ चुकी है। इसका खामियाजा पुलिस अभय कमांड सेंटर पर जरूरतमंदों की आने वाले कॉल पर पड़ रहा है।
हालात यह है कि रोजाना 24 घंटे में 20 हजार से ज्यादा कॉल आ रही है। इसमें से करीब 18 हजार से ज्यादा कॉल वेटिंग से कॉल पूरी करने प्रक्रिया से पहले ही कट जाती है। पुलिस कर्मियों को भी आने वाले अनचाही कॉल से ज्यादा घटना या वारदात के वक्त पुलिस की मदद के लिए आने वाली कॉल के वेटिंग में जाने का अंदेशा बना रहता है।
रोजाना आते है 22 हजार कॉल
सेंटर से जुड़े कम्पनी के कर्मचारियों का कहना है कि अभय कमांड सेंटर में 6 लाइन पर 100 डायल नम्बर चल रहा है लेकिन 24 घंटे में 100 डायल पर कॉल की संख्या 22 हजार पार हो जाती है। लगातार कॉल करने से छह लाइन होने के बावजूद व्यस्तता आती है। ऐसे में फर्जी व अनचाही कॉल से यहां मौजूद पुलिसकर्मियों का समय खराब होता है। वहीं इस दरमियान किसी जरूरतमंद को मदद की जरूरत पडऩे पर उसकी कॉल वेटिंग में ही कट जाती है।
परिजन दे बच्चों पर ध्यान
कर्मचारियों का कहना है कि अभय कमांड सेंटर पर बच्चों की ओर से किए जाने वाली फालतू की कॉल पर परिजन अंकुश लगा सकते हैं। कमांड सेंटर पर लाइन की व्यस्तता कभी भी किसी भी व्यक्ति की जान पर बन सकती है। लाइन व्यस्तता के चलते कभी भी कोई वास्तविक जरूरतमंद प्रभावित हो सकता है। इससे किसी के जानमाल का नुकसान भी हो सकता है। आमजन अपने बच्चों की ओर से की जाने वाली कॉल और गतिविधि पर भी नजर रखने के साथ समझाइश की जानी चाहिए।
नशेडिय़ों को सिखाया सबक
कमांड सेंटर में 100 डायल पर बैठने वाले पुलिसकर्मियों के मुताबिक नशेडिय़ों की ओर से कॉल कर परेशान किए जाने पर अब तक करीब 4-5 युवकों को सबक सिखाया जा चुका है। पूर्व में सिविल लाइन्स थाना पुलिस ने मनचले, नशेड़ी को शांतिभंग में गिरफ्तार कर हवालात दिखा चुकी है।
अनचाही कॉल से पुलिस के 100 डायल नम्बर प्रभावित रहता है। जरूरतमंद की कॉल नहीं लगती। इसमें बच्चों की कॉल की संख्या ज्यादा है। परिजन को बच्चों की कॉल पर ध्यान देना चाहिए। जिम्मेदार माता-पिता को ठहराया जाता है। पूर्व में भी बच्चों के माता-पिता के खिलाफ सिविल लाइन्स थाने के मार्फत कार्रवाई की गई थी।
-हरिराम सोनी, प्रभारी अभय कमांड सेंटर अजमेर
Published on:
13 Jun 2018 10:05 am
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