
nagar nigam
अजमेर. हृदय योजना के तहत लवकुश उद्यान के किनारे निर्मित ‘लेक व्यू फूड कोर्ट’ संचालन को लेकर पिछले माह महापौर (meyor)व आयुक्त के बीच शुरु हुआ घमासान फिलहाल थमता नजर नहीं आ रहा है। नगर निगम(nagar nigam) ने ठेकेदार को लेक व्यू फूड कोर्ट संचालन का ठेका दिया लेकिन उसने नियमों को ताक पर रखकर भू-तल पर दुकानों का निर्माण कर लिया। इस मामले को लेकर महापौर ने आयुक्त को यूओ नोट जारी किया। वहीं इसकी शिकायत मिलने पर निगम अधिकारियों ने ठेकेदार को अवैध निर्माण तोडऩे के लिए पाबंद कर दिया। इसके बाद ठेकेदार ने कुछ अवैध निर्माण हटाया भी लेकिन अब उसने शपथ पत्र(affidavit) देकर गली निकाल ली है। वहीं अफसरों ने भी उसे अनुमति ( permission)दे दी है। 7 सितम्बर 2019 को संशोधित निविदा शर्त 34 में स्पष्ट है उल्लेख है कि ठेकेदार सम्पूर्ण परिसर में किसी प्रकार का नया निर्माण कार्य/ रद्दो बदल नहीं करा सकेगा। जबकि ठेकेदार ने स्टोर कार्यालय, किचन गार्डन, कैमरा रूम,कैश काउंटर, किड्स गार्डन डवलपमेंट अवैध निर्माण को ठेका समाप्त होने पर स्वंय हटाने,ठेका सबलेट नहीं करने का शपथ पत्र दिया है जिसे निगम अफसरों ने मान लिया है।
अवर सचिव ने जताई नाराजगी
निगम के अनुसार 20 अगस्त को आवास विकास एवं शहरी विकास मंत्रालय के अवर सचिव सुमित गख्खड़ ने लेक व्यू फूड कोर्ट का निरीक्षण किया था। उन्होनें अवैध निर्माण को गलत बताया तथा उसे तोडऩे के लिए ठेकेदार को मौके पर ही निर्देश दिए। उन्होनें अपनी टिप्पणी कार्यालय को भी भिजवाई गई। अवर सचिव के निरीक्षण व नाराजगी के बाद निगम अधिकारियों ने ठेकेदार को अवैध निर्माण ध्वस्त करने के निर्देश दिए थे। ठेकेदार ने कुछ निर्माण हटाया भी लेकिन बाद में शपथ पत्र दे दिया जिसे अधिकारियों ने मान भी लिया।
इनका कहना है
मामला मेरी जानकारी में आया है। मैं इसे दिखवाता हूं।
धमेन्द्र गहलोत,महापौर,नगर निगम
महापौर यदि कुछ गलत लगता है तो वह उसे निरस्त कर सकतें है। उन्हें अधिकार हैं।चिन्मयी गोपाल,आयुक्त नगर निगम
Published on:
10 Sept 2019 05:56 pm
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