वन विभाग को पहले ही दिन करीब दस लाख का नुकसान हुआ है। गौरतलब है कि सरकार की ओर से जारी निर्देश के बाद बुधवार सुबह किसी भी पर्यटक को पार्क में प्रवेश नहीं दिया गया। इससे पहले देर रात तक पार्क भ्रमण को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही।
देर रात अचानक हुआ निर्णय वन विभाग की ओर से देर रात को रणथम्भौर में पर्यटन को बंद करने के आदेश जारी किए गए। ऐसे में कई पर्यटकों व वाहन चालकों को पार्क के बंद होने की जानकारी नहीं मिल सकी। कई पर्यटक सुबह निर्धारित समय पर शिल्पग्राम स्थित बुकिंग विण्डो पर पहुंच गए। यहां उन्हें पार्क भ्रमण पर रोक लगने की जानकारी मिली, जिससे उन्हें निराशा हुई।
गणेशधाम पर पसरा रहा सन्नाटा पार्क भ्रमण पर रोक लगने के बाद गणेश धाम का एंट्री प्वाइंट भी सूना नजर आया। आमतौर पर गणेश धाम पर पर्यटन वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है, लेकिन आज पार्क भ्रमण बंद होने से गणेश धाम पर चहल पहल नजर नहीं आई।
वहीं रणथम्भौर रोड पर पर्यटन वाहन खाली खड़े दिखे। त्रिनेत्र गणेशजी के दर्शन आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी कमी आई है। वैसे रणथम्भौर में पर्यटन के बंद होने के बाद पर्यटकों ने रणथम्भौर त्रिनेत्र गणेश के दर्शन किए। कुछ पर्यटकों ने होटल में विश्राम किया। कुछ विदेशी पर्यटक शहर व बाजार का भ्रमण करते नजर आए।
मुकेश सैनी, उपवन संरक्षक, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर के अनुसार सरकार के आदेश की पालना की गई है। रणथम्भौर में 31 मार्च तक भ्रमण पर प्रतिबंध लगाया गया है। सरकार की ओर से अग्रिम आदेश मिलने के बाद ही पार्क को फिर से पर्यटकों के लिए खोला जाएगा।