
Rare books available
अजमेर.
केंद्र सरकार ने किताबों की दुकान खोलने की इजाजत दी है लेकिन कई शहर ऐसे हैं जहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अजमेर में किताबों-स्टेशनरी की अधिकांश दुकानें पुरानी मंडी क्षेत्र में है। यह इलाका सुपर कफ्र्यू के दायरे में है।
लॉकडाउन के चलते देशभर में कॉलेज-यूनिवर्सिटी और बोर्ड की परीक्षाएं प्रभावित है। इनमें सीबीएसई, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और अन्य संस्थानों के छात्र-छात्राएं हैं। विद्यार्थियों को जेईई मेन, जेईई एडवांस और नीट परीक्षा देनी है। साथ पहली से आठवीं तथा नवीं-ग्यारहवीं के विद्याार्थियों की पढ़ाई भी ढंग से शुरू नहीं हुई है।
कैसे मिलेंगी किताबें-कॉपियां
सीबीएसई से जुड़े स्कूल में एनसीईआरटी और निजी प्रकाशकों की विषयवार किताबें संचालित हैं। अजमेर सभी स्कूल ने बुक स्टोर तय कर रखे हैं। विद्यार्थियों को किताबें अलवर गेट, माकड़वाली रोड, पुरानी मंडी, केसरगंज, वैशाली नगर और अन्य स्थानों पर मिलती हैं। केंद्र सरकार ने किताब-स्टेशनरी की दुकान खोलने की इजाजत दी है। लॉकडाउन के चलते अजमेर में बाजार-दुकानें बंद हैं। ऐसे में किताबें नहीं मिल पा रही है।
ऑनलाइन मंगवाने पर अतिरिक्त शुल्क
कुछ स्कूल से सम्बद्ध स्टेशनरी और पुस्तक विक्रेताओं ने ऑनलाइन सेवाएं शुरू की हैं। लेकिन इनकी एवज में 150 से 200 रुपए अतिरिक्त शुल्क वसूला जा रहा है। कॉपी, पेपर और स्टेशनरी की कमी बनी हुई है।
ई-कंटेंट भी एक विकल्प है। फिर भी विद्यार्थियों के लिए किताबें बहुत अहम हैं। लॉकडाउन के दौरान नई किताबें-स्टेशनरी पहुंचाना चुनौतिपूर्ण है।
डॉ. आलोक चतुर्वेदी, रीडर एसपीसी-जीसीए
Published on:
23 Apr 2020 08:50 am
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