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Corona Effect: कॉलेज-यूनिवर्सिटी यूं बदलेगा क्लास से कैंपस का नजारा

केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन से पहले ही संस्थानों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।

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college and university campus

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रक्तिम तिवारी/अजमेर.

कॉलेज और विश्वविद्यालयों का नजारा जुलाई से बिल्कुल बदल जाएगा। कैंपस में प्रवेश-निकासी सहित ऑनलाइन-ऑफलाइन कक्षाओं की शुरुआत होगी। केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन से पहले ही संस्थानों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।

कोरोना वायरस संक्रमण के चलते मार्च से कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ाई और परीक्षाएं ठप है। 15 जून से द्वितीय, तृतीय वर्ष, स्नातकोत्तर कक्षाओं में ऑनलाइन नवीनीकरण शुरू होगा। जुलाई में वार्षिक परीक्षाएं होंगी। ऐसे में शैक्षिक संस्थानों को जबरदस्त मेहनत करनी पड़ेगी। संस्थान केंद्र-राज्य सरकार की प्रस्तावित गाइडलाइंस को देखते हुए अपनी तैयारियों में जुट गए हैं।

सोफिया कॉलेज: विद्यार्थी 2 हजार
प्राचार्य डॉ. सिस्टर पर्ल ने बताया कि कॉलेज में आवाजाही के लिए दो गेट हैं। एक से प्रवेश दूसरे से निकास किया जा सकता है। विषयवार ई-कंटेंट तैयार हो चुके हैं। ऑनलाइन और ऑफलाइन कक्षाओं पर विचार-विमर्श जारी है। जल्द फेकल्टी की बैठक में नई व्यवस्थाओं पर चर्चा होगी।

एसपीसी-जीसीए: विद्यार्थी 8500
प्राचार्य डॉ. एम. एल. अग्रवाल ने बताया कि सरकार की गाइडलाइंस आने वाली हैं। कॉलेज में ब्यावर रोड और केसरगंज पर प्रवेश द्वार हैं। विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन-ऑफलाइन क्लास, ऑड-ईवन फार्मूला, सेनेटाइजर, मास्क जैसे नवाचार करने जरूरी होंगे। उच्च शिक्षा विभाग, कॉलेज शिक्षा निदेशालय स्तर पर चर्चा जारी है। प्राचार्यों से भी फीडबैक लिया गया है।

राजकीय कन्या महाविद्यालय: छात्राएं: 3100
आरटीडीसी के सामने राजकीय कन्या महाविद्यालय में प्रवेश द्वार एक है। एक छोटा गेट हमेशा बंद रहता है। कॉलेज प्रशासन इसे खोल सकता है। प्राचार्य चेतन प्रकाश ने बताया कि सरकार की गाइडलाइंस का इंतजार है। छात्राओं के लिए ऑनलाइन-ऑफलाइन कक्षा, ऑड-ईवन फार्मूला, सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजर का इंतजाम करना होगा।

दयानंद कॉलेज: विद्यार्थी 2500
कॉलेज में प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग गेट हैं। यहां भी छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन-ऑफलाइन कक्षाओं पर विचार विमर्श जारी है। छात्रावास, कैंटीन, कैंपस में छात्र-छात्राओं की भीड़ नहीं जुटे इसकी योजना बनाई जा रही है।

एमडीएस विश्वविद्यालय: विद्यार्थी 1200
विश्वविद्यालय में कला, वाणिज्य, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, मैनेजमेंट, लॉ, पत्रकारिता, बीएड और अन्य संकाय संचालित हैं। यहां विभागवार 20 से 40 सीट हैं। भवनों में कक्षाएं बड़ी हैं। यहां फिजिक्स, भूगोल, फाइन आट्र्स और कई नए कोर्स शुरू होंगे। यहां भी ऑनलाइन-ऑफलाइन कक्षा चलानी पड़ेंगी। विद्यार्थियों को ऑड-ईवन फार्मूले से बुलाया जा सकता है।

बड़ल्या-माखुपुरा इंजीनियरिंग कॉलेज: विद्यार्थी 2 हजार
बड़ल्या और माखुपुरा स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज में ई-कंटेंट तैयार किए गए हैं। ऑनलाइन कक्षाएं जारी हैं। दोनों कॉलेज के कैंपस में जुलाई-अगस्त से बदलाव दिखेगा। छात्र-छात्राओं के लिए संचालित बसों और कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग करनी होगी। प्रवेश काउंसलिंग, नियमित कक्षाओं में ऑड-ईवन फार्मूला अपनाना होगा।

लॉ-संस्कृत कॉलेज: विद्यार्थी 1 हजार
लॉ कॉलेज में अभी एक चैनल गेट खुलता है। यहां दूसरा चैनल गेट भी है। प्रवेश-निकास के लिए दोनों चैनल गेट खोलने जा सकते हैं। लोहागल स्थित संस्कृत कॉलेज में प्रवेश-निकास द्वार एक है। यहां विद्यार्थियों की संख्या कम है। मुख्य द्वार पर बल्ली-लोहे का एंगल लगाकर प्रवेश-निकास अलग-अलग किया जा सकता है।

पढ़ाई जुलाई-अगस्त से...
यूजीसी द्वारा गठित प्रो.आर. सी. कुहाड़ कमेटी ने सभी विश्वविद्यालयों में जुलाई के बजाय सितम्बर में सत्र 2020-21 शुरू करने की सिफारिश की है। राज्य के सरकारी-निजी कॉलेज में जुलाई या अगस्त से पढ़ाई शुरू हो सकती है। शिक्षकों के टाइम टेबल भी ऑनलाइन-ऑफलाइन पद्धति के अनुसार बनाने होंगे।

करने पड़ेंगे संस्थानों को यह अहम काम
-सभी कक्षाओं-वर्ग में विद्यार्थियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग
-सांस्कृतिक कार्यक्रम-वार्षिकोत्सव में सोशल डिस्टेंसिंग
परिसरों में सेनेटाइजर और मास्क की अनिवार्यता
-ऑनलाइन फीस, ई-दस्तावेजों पर जोर
-मेडिकल किट और थर्मल स्कैनर का इंतजाम


निश्चित तौर पर सभी संस्थाओं को नवाचार करने होंगे। पढ़ाई और परीक्षाओं-कार्यक्रमों में नए प्रयोग करने जरूरी होंगे।
प्रो. आर. पी. सिंह, कुलपति मदस विश्वविद्यालय
शैक्षिक कलैंडर में कई फेरबदल करने पड़ेंगे। कक्षाओं में पढ़ाई, परीक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग में भी नए तरीके अपनाएंगे।
डॉ. यू. एस. मोदानी, प्राचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज