राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) और अन्य योजनाओं में यूजीसी देश के सभी केंद्रीय, राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों और कॉलेज को बजट देता है। इसके तहत संस्थानों में प्रयोगशाला के उन्नयन, स्मार्ट क्लास, कम्प्यूटर लेब, विद्यार्थियों के लिए फर्नीचर, आवश्यक संसाधन, केमिकल्स खरीदे जाते हैं। विश्वविद्यालयों-कॉलेज की शैक्षिक, शोध और विकास योजनाओं के अनुरूप यूजीसी बजट स्वीकृति देता है।
लॉकडाउन ने गड़बड़ाया अर्थशास्त्र कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन से केंद्र और राज्य सरकारों का अर्थशास्त्र गड़बड़ा चुका है। हालांकि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने 20 लाख 97 हजार करोड़ देने का ऐलान किया है। लेकिन मानव संसाधन विकास मंत्रालय-यूजीसी, केंद्रीय और राज्य स्तरीय शिक्षण संस्थानों को कितना बजट मिलेगा इसको लेकर खुलासा नहीं हुआ है।
किस्तों में मिलती है राशि
केंद्रीय और राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों-कॉलेज को शोध, संसाधनों के विकास और रूसा में बजट मिलता है। यह राशि किश्तों में दी जाती है। संस्थानों की योजनाओं और आवश्यकतानुसार बजट 5 से करीब 50 करोड़ और इससे अधिक भी होता है।
केंद्रीय और राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों-कॉलेज को शोध, संसाधनों के विकास और रूसा में बजट मिलता है। यह राशि किश्तों में दी जाती है। संस्थानों की योजनाओं और आवश्यकतानुसार बजट 5 से करीब 50 करोड़ और इससे अधिक भी होता है।
ये हो सकता है असर
-संस्थानों में नई शोध-अकादमिक योजनाएं बनाने पर रोक
-साल या दो साल टल सकते हैं नए प्रोजेक्ट
-केंद्र सरकार से मिलने वाले बजट पर यूजीसी की निर्भरता
-संस्थानों के बजट और योजनाओं में तब्दीली सम्भव
-केवल अहम शोध अथवा अकादमिक गतिविधियों के लिए बजट
-पूर्व में आवंटित/स्वीकृत बजट से चलाना पड़ सकता है काम
-यूजीसी को पड़ सकती है बूस्टर डोज की जरूरत
अनुपयोगी रह जाता है बजट
यूजीसी का बजट कई संस्थानों में प्रतिवर्ष अनुपयोगी रह जाता है। ढंग से योजनाएं नहीं बनाने, एनओसी जारी नहीं करने और सत्रांत जल्दबाजी में खरीद-फरोख्त जैसी शिकायतें यूजीसी तक पहुंचती रहती है। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में तो साल 2018 में निर्माण कार्यों के लिए सात करोड़, मरम्मत मद में सात करोड़ और उपकरण खरीदने के लिए 6 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। उपयोग यूजीसी अनुदानित योजनाओं पर कोरोना का साया
यूजीसी का बजट कई संस्थानों में प्रतिवर्ष अनुपयोगी रह जाता है। ढंग से योजनाएं नहीं बनाने, एनओसी जारी नहीं करने और सत्रांत जल्दबाजी में खरीद-फरोख्त जैसी शिकायतें यूजीसी तक पहुंचती रहती है। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में तो साल 2018 में निर्माण कार्यों के लिए सात करोड़, मरम्मत मद में सात करोड़ और उपकरण खरीदने के लिए 6 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। उपयोग यूजीसी अनुदानित योजनाओं पर कोरोना का साया
देश की आर्थिक स्थिति सबके सामने है। यूजीसी निश्चित तौर पर इससे प्रभावित होगी। यूनिवर्सिटी और कॉलेज के बजट में कटौती तय है। सरकार ने कई संस्थानों को नए प्रोजेक्ट, शोध योजनाएं कुछ समय टालने को कहा है।
प्रो. पी. सी. त्रिवेदी, कुलपति जयनारायण व्यास विवि जोधपुर नहीं होने से इसमें ज्यादार राशि लैप्स हो गई थी।
प्रो. पी. सी. त्रिवेदी, कुलपति जयनारायण व्यास विवि जोधपुर नहीं होने से इसमें ज्यादार राशि लैप्स हो गई थी।