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बोले शिक्षा मंत्री देवनानी-सैनिक स्कूल में मिलें गल्र्स को एडमिशन, होना चाहिए रूल्स में बदलाव

इस वर्ष प्रदेश में 119 स्कूलों के नाम शहीदों के नाम रखे जा चुके है और ऎसे ही 90 स्कूलो के नाम विचाराधीन है।

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admission of girls

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अजमेर/नई दिल्ली।

राजस्थान के शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने सैनिक स्कूल में छात्राओं को प्रवेश को जरूरी बताया है। उन्होने केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह प्रस्ताव रखा। उन्होंने बताया कि कि राजस्थान में अब तक 300 सैनिक स्कूलों के नाम उस क्षेत्र के शहीद सैनिको के नाम पर रखे गए हैं । इस वर्ष प्रदेश में 119 स्कूलों के नाम शहीदों के नाम रखे जा चुके है और ऎसे ही 90 स्कूलो के नाम विचाराधीन है।

देवनानी केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री सुभाष रामराव भामरे की अध्यक्षता में आयोजित सैनिक स्कूल बोर्ड ऑफ गर्र्वेन्स की बैठक में राजस्थान का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।

उन्होंने सुझाव दिया कि सैनिक स्कूलों में शहीदों के चित्र के साथ साथ उनकी र्मूति लगाने को प्राथमिकता देनी चाहिए। ताकि भावी पीढ़ी को प्रेरणा मिल सके। साथ ही नेशनल डिफेंस अकादमी औ सैनिक स्कूलों में लड़कियों की भर्ती मिलनी चाहिए। इसके अलावा सैनिकों के बच्चों को एनडीए में दो लाख रुपए की छात्रवृत्ति भी दी जानी चाहिए।

उन्होंने सुझाव दिया कि सैनिक स्कूलों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए राज्य स्तरीय कमेटी का गठन भी किया जाना चाहिए। साथ ही बोर्ड ऑफ गर्वेंन्स की बैठक प्रति वर्ष की जाए।

देवनानी ने सैनिक स्कूलों में रक्षा मंत्रालय द्वारा उपलब्ध करवाये जा रहे पी टी आईं शारीरिक शिक्षकों की संख्या दो से बढ़ा कर चार करने का भी सुझाव दिया। विशेष कर हॉर्स व म्यूजिक प्रशिक्षण के लिये पीटीआईं की प्राथमिकता तय की जानी चाहिए। इस पर निर्णय लिया गया कि स्कूल प्राचार्य रिटायर्ड र्कमियों को लगाने के लिए अधिकृत होंगे।

झुंझनु में एक अप्रैल से कक्षायें होगी प्रारम्भ

देवनानी ने बताया कि झुंझनु में स्थापित सैनिक स्कूल में आगामी एक अप्रैल से कक्षायें प्रारम्भ हो जायेगी। इस स्कूल के लिए राज्य सरकार ज़मीन पहले ही दे चुकी है और भवन सहित अन्य विकास कार्यों के लिए अब तक 35 करोड़ रु दिए जा चुके है। इसी प्रकार चित्तौडगढ़़ में प्रवेश के लिए विज्ञप्ति जारी की जा चुकी है। यह स्कूल इस वर्ष डाइट भवन में चलेगा। राज्य सरकार ने इसके लिए 1.18 करोड़ रु खर्च किए हैं।

बैठक में मध्यप्रदेशए छत्तीसगढ़ए आंध्रप्रदेश के शिक्षा मंत्रियों के साथ ही सदस्य राज्यो के शिक्षा सचिव भी मौजूद थे।