
online exam form 2019
रक्तिम तिवारी/अजमेर.
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय ऑनलाइन परीक्षा फार्म प्रक्रिया को और बेहतर बनाएगा डेबिट-क्रेडिट कार्ड से फीस के अलावा डिजिटल फार्म भरवाए जाएंगे। त्रुटियां सुधार भी ऑनलाइन होंगी। इससे विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा।
विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष स्नातक और स्नातकोत्तर परीक्षाओं के फार्म ऑनलाइन भराता है। मौजूदा वक्त विद्यार्थियों को सिर्फ ई-मित्र पर ही ऑनलाइन फार्म भरने की सुविधा है। इसके बाद बैंक में चालान से फीस और हार्ड कॉपी का प्रिंट निकालकर कॉलेजों में जमा कराना पड़ता है। यह प्रक्रिया विद्यार्थियों को जबरदस्त परेशान करती है। इस साल से विश्वविद्यालय ने प्री-फिल्ड फार्म भरवाने की व्यवस्था शुरू की है। इसके तहत केवल प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों से पूर्ण फार्म भरवाया जाएगा। बाकी कक्षाओं के परीक्षा फार्म में अभ्यर्थी का पूर्व वर्ष का डाटा काम में लिया जाएगा।
अब डिजिटल परीक्षा फार्म
प्रस्तावित योजना के तहत विश्वविद्यालय विद्यार्थियों से डिजिटल फार्म भरवाएगा। विद्यार्थी ई-मित्र, घर पर कम्प्यूटर-लेपटॉप अथवा वेबसाइट से सीधे ऑनलाइन परीक्षा फार्म भर सकेंगे। फीस का भुगतान डेबिट-क्रेडिट कार्ड, पे-टीएम और अन्य ऑनलाइन विकल्पों से हो सकेगा। विद्यार्थी सुविधा के लिए हार्ड कॉपी निकाल सकेंगे। फार्म में नाम, माता-पिता का नाम, पेपर या अन्य कोई त्रुटि रहने पर सीबीएसई या अन्य एजेंसी की तरह सुधार के लिए पोर्टल खोला जाएगा।
ताकि भरनी पड़ें सिर्फ जरूरी सूचनाएं....
विद्यार्थियों को हर साल फार्म में नाम, माता-पिता का नाम और संकाय और अन्य सूचनाएं भरनी पड़ती हैं। बाद में विश्वविद्यालय हार्ड कॉपी की जांच करता है। इसके चलते प्रशासन वन टाइम रजिस्ट्रेशन की तर्ज पर नई योजना तैयार करने का इच्छुक है। इसमें आधार कार्ड से विद्यार्थियों की सूचनाएं सीधे सर्वर पर दर्ज होंगी। नाम, माता-पिता का नाम, संकाय जैसी सूचनाएं बार-बार नहीं भरनी पड़ेंगी। विद्यार्थी को संबंधित कक्षा के उत्तीर्ण/अनुत्तीर्ण होने की मार्कशीट, पेपर के नाम ही भरने होंगे। इस नवाचार योजना को लेकर तकनीकी विशेषज्ञों, फर्मों से चर्चा होगी।
अतिरिक्त वेतन-भत्तों का चक्कर?
विद्यार्थियों की परीक्षा हार्ड कॉपी कॉलेजों में प्राचार्य और स्टाफ जांचते हैं। इसके बाद विश्वविद्यालय इनकी जांच करता है। प्रति हार्ड कॉपी (आवेदन) पर अतिरिक्त पारिश्रमिक मिलता है। परीक्षा फार्म भरने और जांचने तक कॉलेज और विश्वविद्यालय में यह राशि ओवरटाइम के रूप में मिलती है। इसीलिए विश्वविद्यालय स्मार्ट व्यवस्थाओं से दूरी बनाए बैठा है।
ऑनलाइन परीक्षा फार्म प्रणाली को स्मार्ट बनाया जाएगा। कुलपति, सरकार और तकनीकी फर्म से चर्चा के बाद इसकी शुरुआत की जाएगी।
प्रो. सुब्रतो दत्ता, परीक्षा नियंत्रक, मदस विश्वविद्यालय
Published on:
20 Oct 2018 06:30 am
बड़ी खबरें
View Allअजमेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
