यह है जलदाय विभाग पर बकाया
जलदाय विभाग पर अजमेर विद्युत वितरण निगम का 67.36 करोड़ का बकाया चल रहा है। इनमें अंडरटेकिंग का पुराना बकाया 38.60 करोड़ रुपए है। इसके अलावा 2 करोड़ स्थाई रूप से काटे गए कनेक्शन (पीडीसी) का है जो लम्बे समय से बकाया है।
जलदाय विभाग पर अजमेर विद्युत वितरण निगम का 67.36 करोड़ का बकाया चल रहा है। इनमें अंडरटेकिंग का पुराना बकाया 38.60 करोड़ रुपए है। इसके अलावा 2 करोड़ स्थाई रूप से काटे गए कनेक्शन (पीडीसी) का है जो लम्बे समय से बकाया है।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
गौरतलब है कि निगम ने कोरोना के कारण अपनी वित्तीय हालात खस्ता होने का हवाला देते हुए जलदाय विभाग के विद्युत कनेक्शन अंडरटेकिंग पर करने से इनकार कर दिया था। इस मामले को लेकर अजमेर डिस्कॉम ने अध्यक्ष डिस्कॉम्स से भी मार्गदर्शन मांगा था। ऐसे में कई जिलों में जल संकट गहराने की अशंका हो गई थी। राजस्थान पत्रिका ने 28 अप्रेल के अंक में इस मामले को प्रमुखता से उठाया था।
बिजली घर में‘अंधेरगर्दी’,खुद के कर्मचारी ही अंधेरे में
गौरतलब है कि निगम ने कोरोना के कारण अपनी वित्तीय हालात खस्ता होने का हवाला देते हुए जलदाय विभाग के विद्युत कनेक्शन अंडरटेकिंग पर करने से इनकार कर दिया था। इस मामले को लेकर अजमेर डिस्कॉम ने अध्यक्ष डिस्कॉम्स से भी मार्गदर्शन मांगा था। ऐसे में कई जिलों में जल संकट गहराने की अशंका हो गई थी। राजस्थान पत्रिका ने 28 अप्रेल के अंक में इस मामले को प्रमुखता से उठाया था।
बिजली घर में‘अंधेरगर्दी’,खुद के कर्मचारी ही अंधेरे में
गर्मी के बावजूद न बिजली न पानी पृथ्वीराज नगर जीएसएस का मामला अजमेर.अपने अधीन आने वाले 11 जिलों में सभी घरों व कार्यालयों तक बिजली पहुंचाने का दावा करने वाले अजमेर डिस्कॉम के मुख्यालय के सामने ही उसके पावर हाउस में ही खुद के कर्मचारी कई महीनें से अंधेरे में गुजारा कर रहे हैं। यहां बिजली का कनेक्शन नहीं होने से भरी गर्मी में कर्मचारियों ने पंखे ही हवा नसीब नहीं हो रही कूलर तो दूर की बात है। बिजली का कनेक्शन नहीं होने पानी का कनेक्शन भी नहीं है। ऐसे में कर्मचारी शौचालय का भी उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। जबकि यहां कर्मचारी शिफ्टों में ड्यूटी दे हैं। यह नजारा है डिस्कॉम मुख्यालय के सामने ही पृथ्वीराज नगर 33/11 केवी ग्रिड सब स्टेशन (जीएसएस का)। यहां बिजली का कनेक्शन डिस्कॉम की फ्रैंचायजी टाटा पावर को करना है और उसे ही जीएसएस को टेकओवर कर संचालित भी करना है,लेकिन उसने अभी तक कुछ बिन्दुओं को लेकर जीएसएस टेकओवर नही किया है। टाटा का कहना है कि जीएसएस पर लगाए जाने वाले मीटर का बिल कौन भरेगा पहले यह स्पष्ट हो। ऐसे में जीएसएस पर विद्युत कनेक्शन नहीं होने से कर्मचारी व जीएसएस दोनो अंधेरे में हैं।