
अजमेर। राजस्थान के अजमेर में कोविड-19 आपदा प्रबंधन में लगी चिकित्सा अधिकारी डॉ. ज्योतसना रंगा के साथ द्वितीय चरण के लॉकडाउन के दौरान आईएएस अधिकारी आर्तिका शुक्ला द्वारा कथित अभद्रता के मामले में 17 दिनों बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर शुक्रवार को चिकित्सकों ने ब्लैक फ्राइडे मनाया।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एवं अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ के समर्थन से शुक्रवार को अजमेर के चिकित्सकों ने प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अजय चैधरी के आह्वान पर काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया तथा अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
पीड़िता डॉ. ज्योतसना रंगा का आरोप है कि प्रशासन ने अपने अधिकारी को संरक्षण देते हुए ना तो उनके निलंबन के आदेश निकाले और न ही हमारे द्वारा सिविल लाइंस थाने में दी गई रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज किया जिससे चिकित्सकों में आक्रोश है बल्कि महिला अधिकारी को सहयोग करते हुए उन्हें आपदा प्रबंधन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी से भी हटा दिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि हाथापाई एवं अभद्र व्यवहार करने वाली इस महिला अधिकारी को प्रशासन सहयोग कर रहा है और हम पीड़ित होने के बावजूद पूरी सेवाएं दे रहे है। इसके विरोध में ब्लैक फ्राइडे मनाते हुए काला झंडा अथवा काले वस्त्र को लहराकर भी प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विरोध के अगले चरण में प्रदेशभर में रूपरेखा बनाने का निर्णय प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी द्वारा लिया जाएगा।
Updated on:
08 May 2020 07:07 pm
Published on:
08 May 2020 06:02 pm
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