scriptबेखौफ ले जाइए यहां से कोई भी सामान, नहीं है कोई पूछने वाला | E-way bill policy fails in rajasthan, no checking of local transport | Patrika News

बेखौफ ले जाइए यहां से कोई भी सामान, नहीं है कोई पूछने वाला

locationअजमेरPublished: Aug 11, 2018 03:39:12 pm

Submitted by:

raktim tiwari

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e-way bill

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अजमेर

प्रदेश में जीएसटी के बाद ई -वे बिल प्रणाली एक वर्ष बाद भी सख्ती से लागू नहीं की जा सकी है। ई वे बिल की अनिवार्यता जीएसटी लागू होने के साथ ही शुरू हो गई थी लेकिन व्यापारियों के लिए शिथिलता दी गई है। हाईवे चैकिंग के दौरान व्यापारियों की समझाइश का दौर पिछले करीब आठ माह से चल रहा है। वाणिज्य कर विभाग के इस ढुलमुल रवैए के चलते व्यापारी भी निश्चिंत हो गए हैं। विभाग को उच्च स्तर से निर्देश नहीं मिलने के कारण वह भी सख्ती करने मेंअसमर्थ है। माना जा रहा है सरकार भी आने वाले चुनावों के मद्देनजर फिलहाल व्यापारियों को नाराज नहीं करना चाहती है।
वाणिज्य कर विभाग के उपायुक्त प्रशासन दिनेश चंद गुप्ता ने बताया कि फिलहाल राज्य से बाहर आने वाले वाहनों को समझाइश की जा रही है। राज्य के भीतर माल परिवहन पर कोई चैङ्क्षकग के आदेश नहीं है।
ऐसे में व्यापारियों पर अंकुश लगा पाना फिलहाल विभाग के लिए टेढ़ी खीर नजर आ रहा है। कई बार माल को गुपचुप तरीके से राज्य की सीमा में प्रवेश करवा कर इसे गंतव्य तक पहुंचा देते हैं। पूछताछ में यही बताया जाता है कि माल राजस्थान में ही परिवहन किया जा रहा है। इससे राजस्व का नुकसान भी होने की संभावना बढ़ गई है।
25 लाख रुपए जुर्माना वसूला
तीन माह में करीब 25 लाख का राजस्व अर्जित तीन माह में प्रदेश में करीब 25 लाख रुपए का राजस्व हाईवे चैकिंग के दौरान अर्जित किया गया। हाईवे चैकिंग के दौरान जिन वाहन चालकों के पास ई-वे बिल नहीं पाया गया उनमें टाइल्स, परचून, रेडीमेड, जूता आदि कंपनियों के माल से भरे वाहन शामिल थे। विभाग हाईवे पर अब भी दूसरे राज्यों से आने वाले वाहनों पर नजर रखे हुए है।
चुनाव अगस्त या सितम्बर में!
कॉलेज और विश्वविद्यालयों में प्रवेश कार्य जारी है। छात्रसंघ चुनाव कार्यक्रम जारी हुआ तो संस्थाओं को मतदाता सूची बनाने, जारी करने और आपत्तियां लेकर अंतिम सूची लगाने काम तत्काल करना होगा। साथ ही नामांकन, नाम वापसी, आपत्तियों के निस्तारण और अंतिम सूची भी लगाई जाएगी। इसको देखते हुए अगस्त में चुनाव पर संशय है। ऐसे में छात्रसंघ चुनाव सितम्बर में भी चुनाव कराए जा सकते हैं।
छात्रनेताओं का खास इंतजार

चुनाव कार्यक्रम का छात्रनेताओं को खासतौर पर इंतजार है। सभी कॉलेज और विश्वविद्यालय में एनएसयूआई और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की चुनावी जाजम बिछना शुरू हो गई है। दोनों संगठनों के पदाधिकारी, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और कार्यकर्ताओं की बैठक जारी है। चुनाव लडऩे के इच्छुक छात्र-छात्राओं से भी बातचीत हो रही है। संस्थाओं में बाकयदा विजिटिंग कार्ड बांटे जा रहे हैं। इसके अलावा होर्डिंग, बैनर लगाए गए हैं।
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