26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

encroachment : यहाँ बेशकीमती रक्षा भूमि अतिक्रमियों के कब्जे में

दुकानें व केबिन लगाकर चला रहे किराये पर उच्च अधिकारी सब जानते हुए भी बने हुए हैं मौन मूक गिरवी रखी थी जमीन

2 min read
Google source verification

अजमेर

image

Preeti Bhatt

Dec 16, 2019

encroachment : बेशकीमती रक्षा भूमि अतिक्रमियों के कब्जे में

encroachment : बेशकीमती रक्षा भूमि अतिक्रमियों के कब्जे में

नसीराबाद. नसीराबाद छावनी परिषद (Nasirabad Cantonment Council) व राजस्थान सर्किल के रक्षा सम्पदा अधिकारियों के मातहत नसीराबाद रोडवेज बस स्टैंड व व्यापारिक स्कूल के मध्य स्थित बेशकीमती रक्षा भूमि (Precious Defense Land) पिछले कई वर्षों से राजनीतिक संरक्षण प्राप्त भू-माफिया (bhoo-maaphiya) के कब्जे में है। रक्षा भूमि से संबंधित सभी उच्च अधिकारी सब जानते हुए भी मौन मूक बने हुए हैं। वहीं स्थिति यह है कि अजमेर रोड स्थित रोडवेज बस स्टैंड क्षेत्र में रक्षा सम्पदा की भूमि पर अतिक्रमियों ने दुकानों का निर्माण व केबिनें लगाकर उनको किराए पर देकर इसे अपनी आय का जरिया बना लिया है।

Read More : Tention: मंदिर में निर्माण पर भडक़े लोग, पुलिस ने किया पाबंद

गिरवी रखी थी जमीन
रोडवेज बस स्टैंड व व्यापारिक स्कूल के मध्य एक बड़ी भूमि पर ऑफिस व फैक्ट्रीनुमा प्राचीन भवनों का निर्माण हो रखा है। इसको किसी जमाने में डाकखाने व बर्फखाने के नाम से जाना जाता था। बताया जाता है कि इस भूमि को नसीराबाद शोभाराम मोहल्ला निवासी मगना देवी ने नसीराबाद को-ऑपरेटिव सोसायटी के यहां बर्फखाना व डाकखाना की इस लीज भूमि को गिरवी रखा था। ऋण नहीं चुकाने के कारण बैंक इसे नीलाम करने लगा तो छावनी परिषद व रक्षा सम्पदा अधिकारियों ने इस पर आपत्ति की। आपत्ति में बताया कि रक्षा भूमि को न तो कोई गिरवी रख सकता है और न ही कोई संस्था ऋण की अदायगी में नीलाम कर सकता है। इस कानूनी लड़ाई को लगभग आधी सदी से अधिक हो गया और सर्वोच्च न्यायालय का फैसला छावनी परिषद व सैन्य अधिकारियों के पक्ष में जाने के बावजूद न तो छावनी परिषद ने करोड़ों रुपए की इस मिल्कियत को अतिक्रमियों के हाथ से छुड़ाने की कोशिश की और न ही आज तक इस भूमि की सुरक्षा के कोई उपाय किए गए।

Read More : Bird Park : सागर विहार में बर्ड पार्क का काम शुरू

लीज पर मिली भूमि

कानूनी लड़ाई के दौरान मगना देवी के वारिस बीरचंद ने नसीराबाद में रहते इस भूमि को सुरक्षित रखा। लेकिन उनके नसीराबाद से इंदौर रुखसत होते ही भू-माफियाओं ने इस भूमि पर कब्जा कर पक्की दुकानें व केबिनें लगाकर इसे ऊंची दरों पर किरायेदारों को सौंपकर किराया वसूली शुरू कर दी है और यही कारण है कि नगरवासियों के मकान जिस भूमि पर बने हैं वह भूमि छावनी परिषद प्रशासन की है जो मकान मालिकों को लीज पर दी हुई है।

Read More : पहली मंजिल की बॉलकनी गिरी, चार घायल

बैंक नहीं देते ऋण

भूमि लीज पर होने के चलते नसीराबाद के बैंक नगरवासियों को मकान गिरवी रखने पर भी कर्ज नहीं देते। नगरपालिका गठन करने की घोषणा के बाद लोगों को आस बंधी थी कि बैंक उनके मकानों को गिरवी रखकर उन्हें ऋण प्रदान कर देगी। लेकिन नगर का नगरपालिका में शामिल होना भी खटाई में पड़ गया। ऐसे में अब नगरवासियों को अब भी बैंक ऋण नहीं देगी।

Read More :Encroachment news : अतिक्रमण पर फिर गरजी जेसीबी