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अजमेर
राजस्थान लोक सेवा आयोग ने आरएएस एवं अधीनस्थ सेवाएं सहित अन्य भर्तियों के ऑनलाइन फार्म भरने जारी है। तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक अभ्यर्थी गुरुवार तक फार्म भर सकेंगे। जरूरत पड़ी तो आयोग तिथि बढ़ा भी सकता है।
राजस्थान लोक सेवा आयोग को आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती परीक्षा-2018, तकनीकी शिक्षा विभाग में उपाचार्य/अधीक्षक औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, ग्रुप इंस्ट्रक्टर सर्वेयर, महिला एवं बाल विकास विभाग में संरक्षण अधिकारी, संस्कृत शिक्षा में स्कूल व्याख्याता, माध्यमिक शिक्षा विभाग में वरिष्ठ व्याख्याता ग्रेड द्वितीय और अन्य परीक्षा करानी है।
इसी तरह प्रधानाध्यापक पद भर्ती (माध्यमिक विद्यालय), वरिष्ठ व्याख्याता ग्रेड द्वितीय (विशेष शिक्षा) मेडिकल एवं स्वास्थ्य विभाग में फिजियोथेरेपिस्ट (नॉन टीएसपी एवं टीएसपी), सहायक नगर नियोजक, वन विभाग में रेंज अधिकारी और सहायक वन संरक्षक और कॉलेज शिक्षा विभाग में व्याख्याता सारंगी परीक्षा भी करानी है। इनके ऑनलाइन आवेदन गुरुवार तक किए जा सकेंगे।
कोई तकनीकी समस्या आने पर आयोग आवेदन तिथि बढ़ा भी सकेगा। मालूम हो कि हाल में आयोग ने शुद्धि पत्र जारी किया था। इसमें पूर्व सैनिकों के लिए राज्य सेवा में पदों का 5 और लिपिकीय एवं अधीनस्थ सेवा में पदों का 12.5 प्रतिशत आरक्षण देने का जिक्र किया गया था। इसके चलते आयोग को संबंधित भर्ती आवेदन तिथि बढ़ानी पड़ी थी।
नहीं है आयोग में स्थाई अध्यक्ष
राजस्थान लोक सेवा आयोग में करीब 30 दिन से स्थाई अध्यक्ष नहीं है। पूर्व अध्यक्ष डॉ. राधेश्याम गर्ग को सरकार ने बीते साल 18 दिसम्बर को नियुक्त किया था। आयोग के नियमानुसार अध्यक्ष अथवा सदस्य 62 साल की उम्र तक ही पद पर रह सकते हैं। इस लिहाज से डॉ. गर्ग का कार्यकाल 1 मई को पूरा हो गया। सरकार ने उनकी जगह स्थाई अध्यक्ष की नियुक्ति अथवा किसी वरिष्ठ सदस्य को कोई आदेश जारी नहीं किए। ऐसे में डॉ. गर्ग ने पद त्याग (रिलेंक्विश) कर जाना पड़ा था।
दूसरी बार दोहराया इतिहास
डॉ. गर्ग के स्थान पर ना स्थाई अध्यक्ष की नियुक्ति ना वरिष्ठ सदस्य को पदभार सौंपा गया। ऐसा लगातार दूसरी बार हुआ है। इससे पहले श्यामसुंदर शर्मा बीते साल सितम्बर में बिना किसी को चार्ज सौंपे सेवानिवृत्त हुए थे। सरकार ने करीब ढाई महीने बाद डॉ गर्ग को स्थाई अध्यक्ष नियुक्त किया था। नियमानुसार आयोग के स्थाई अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म होने पर वरिष्ठ सदस्य को पदभार देने की परम्परा रही है।
यह होता रहा है आयोग में
वर्ष 1949 में राजस्थान लोक सेवा आयोग सेवा का गठन किया गया था। इसका कार्य निर्धारण राजस्थान लोक सेवा आयोग नियम एवं शर्तें 1963, राजस्थान लोक सेवा आयोग ( शर्तें एवं प्रक्रिया का मान्यकरण अध्यादेश -1975, नियम-1976) के तहत हुआ है। स्थाई अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त होने पर या तो सरकार तत्काल नए अध्यक्ष की नियुक्ति करती है। ऐसा नहीं होने पर राजभवन के निर्देश पर कार्मिक विभाग किसी वरिष्ठ सदस्य को कार्यभार सौंपने के आदेश जारी करता है।
भर्तियों की हुई शुरुआत
डॉ. गर्ग का कार्यकाल मात्र 145 दिन का रहा था, लेकिन उन्होंने आयोग के कामकाज को पटरी पर लाने का प्रयास किया। आयोग को लम्बे अर्से बाद कार्मिक विभाग से करीब 18 हजार नई भतियां मिलीं। इसके अलावा पिछले वर्षों की बकाया परीक्षाएं कराने के साथ-साथ परिणाम जारी हुए। कर्मचारियों की मांग पर 41 पद मिलने के अतिरिक्त पदोन्नतियां हुई।
सदस्यों के दो पद रिक्त
आयोग में मौजूदा समय डॉ. आर. डी. सैनी, के. आर. बागडिय़ा, राजकुमारी गुर्जर, श्याम सिंह राठौड़ और सुरजीतलाल मीणा सदस्य हैं। एक पद तत्कालीन सदस्य श्याम सुंदर शर्मा के अध्यक्ष बनने के बाद रिक्त हुआ था। दूसरे सदस्य एच. के. खींचड़ का कार्यकाल बीते वर्ष 5 मार्च को ही खत्म हो चुका है। लिहाजा सरकार को दो सदस्यों की नियुक्ति भी करनी है।
Published on:
31 May 2018 07:15 am
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