जीसीए में ही बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की शिक्षक रहीं डॉ. स्नेह सक्सेना को बीते साल 1 अगस्त को प्राचार्य बनाया गया था। वे पुष्कर से अजमेर स्थानांतरण होकर आई थी। इस दौरान कॉलेज के शिक्षकों, कर्मचारियों, छात्र-छात्राओं ने जबरदस्त स्वागत भी किया। डॉ. सक्सेना ने कोटा के जेडीबी गल्र्स कॉलेज से बी.कॉम और कॉमर्स कॉलेज से एम.कॉम की डिग्री प्राप्त की थी। वे छात्र जीवन में उत्कृष्ट खिलाड़ी भी रही।
181 साल में पहली महिला प्राचार्य
कॉलेज में ब्रिटिशकाल के मारकूज हेयर, डॉ. फालन, पोर्टर, सी. बुच, प्रो. जे. एफ. गोल्डिंग, एफ. एल.रीड, ई. एफ. हैरिस से डॉ. एस. के. देव तक पुरुष ही प्राचार्य रहे थे। कॉलेज में 181 साल बाद डॉ. स्नेह सक्सेना को पहली महिला प्राचार्य होने का गौरव प्राप्त हुआ। लेकिन उनकी तैनाती महज 5 माह रह सकी।
कॉलेज में ब्रिटिशकाल के मारकूज हेयर, डॉ. फालन, पोर्टर, सी. बुच, प्रो. जे. एफ. गोल्डिंग, एफ. एल.रीड, ई. एफ. हैरिस से डॉ. एस. के. देव तक पुरुष ही प्राचार्य रहे थे। कॉलेज में 181 साल बाद डॉ. स्नेह सक्सेना को पहली महिला प्राचार्य होने का गौरव प्राप्त हुआ। लेकिन उनकी तैनाती महज 5 माह रह सकी।
फिर से पुरुष प्राचार्य
दरअसल कॉलेज व्याख्याताओं के गुट कांग्रेस और भाजपा से जुड़े हैं। इनके सत्ता में रहने अथवा सत्ता से दूर रहने के साथ कॉलेज प्राचार्य, उपाचार्य और रीडर्स के तबादले होते हैं। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बन चुकी है। इसके चलते कॉलेज में तबादले हुए हैं। जीसीए में फिर पुरुष प्राचार्य की नियुक्ति की गई है।
दरअसल कॉलेज व्याख्याताओं के गुट कांग्रेस और भाजपा से जुड़े हैं। इनके सत्ता में रहने अथवा सत्ता से दूर रहने के साथ कॉलेज प्राचार्य, उपाचार्य और रीडर्स के तबादले होते हैं। प्रदेश में कांग्रेस सरकार बन चुकी है। इसके चलते कॉलेज में तबादले हुए हैं। जीसीए में फिर पुरुष प्राचार्य की नियुक्ति की गई है।