
योगेश आचार्य/मांगलियावास (अजमेर)। गीगलपुरा के एक परिवार की खुशियों को पलभर में क्रूर काल के पंजों ने जकड़ लिया। हंसते-खेलते परिवार के 4 मासूम अकाल ही काल के गाल में समा गए। जन्म देने वाली मां के साथ ही उन्होंने जीवन के अंतिम पलों को जिया फिर दुनिया को अलविदा कह गए। सात सदस्यों के परिवार में अब पति बोदू गुर्जर के अलावा पत्नी मतिया व बड़ा पुत्र रवि ही बचे हैं। अन्य चार बच्चों की कुएं में डूबने से मौत हो गई। बच्चों के साथ मतिया ने भी कुएं में छलांग लगाई थी, लेकिन उसे ग्रामीणों ने सकुशल बाहर निकाल लिया। मतिया के तीन पुत्र व दो पुत्रियां थीं, जिनमें से अब एक पुत्र ही बचा है।
वह मांगलियावास थानांतर्गत ग्राम डोडियाना की रहने वाली थी। ससुराल में उसकी सास की पूर्व में मौत हो चुकी है। घर में ससुर बलदेव गुर्जर, गोविंद गुर्जर व उसका पति बोदू गुर्जर सहित उसके 5 मासूम बच्चे ही रह रहे थे। उसने पांचवीं संतान देवराज को गत 19 जुलाई को ही जन्म दिया था। पति बोदू और मतिया दोनों ही खेतों में कार्य करके अपना गुजारा कर रहे थे। कल तक जिस घर में मासूम की किलकारियां गूंज रही थीं, वहां अब मातम पसरा है। चार मासूम बच्चों की मौत खबर से ग्रामीण भी गमगीन हैं। वहीं शनिवार को पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों की मौजूदगी में चारों बच्चों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
घटना के बाद पुत्र को भी नहीं पहचान पाई
ग्रामीणों के अनुसार मतिया ने 19 जुलाई को पुत्र को जन्म देने के बाद 15 दिन में ही खेतों में कार्य करना शुरू कर दिया था। मानसिक तनाव के चलते वह काफी परेशान थी। वह खेतों में बोई गई गोभी सहित अन्य फसलों में कृषि कार्य कर रही थी। घटना के बाद वह पुत्र रवि को भी पहचान नहीं पाई।
इन्होंने लिया जायजा
मामले में अजमेर रेंज आईजी, जिला कलक्टर अंशदीप, एसपी, एसडीएम प्रियंका बड़गूजर, एडिशनल एसपी वैभव शर्मा, डिप्टी अजमेर ग्रामीण मोहम्मद इस्लाम खान, नायब तहसीलदार मंजूर अली, पीसांगन थानाधिकारी नरपतराम बाना, गिरदावर अमराराम चौधरी, पटवारी प्रवीण ने पीसांगन व घटनास्थल पर पहुंचकर छानबीन की। इस दौरान एसडीएम बड़गूजर ने बताया कि हेमराज हांकला ने प्रशासन के पहुंचने से पूर्व कुएं पर संसाधन भिजवा कर पानी खाली करवाते हुए मतिया को सुरक्षित निकालने में अहम भूमिका निभाई।
परिवार की माली हालत ठीक नहीं
बोदूराम ने बताया कि वह तीन भाई हैं। उनके पास करीब 10 से 12 बीघा पुश्तैनी कृषि भूमि है। इससे परिवार की गुजर-बसर मुश्किल है। उसके पिता ने छोटे भाई गोविंद को रेवड़ दिला रखा है। बड़ा भाई खरनाल स्थित गौशाला में मेहनत मजदूरी करता है और वह खेती बाड़ी की देखभाल करता है।
Published on:
07 Aug 2022 02:45 pm
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