थानाधिकारी रामअवतार चौधरी ने बताया कि पुलिस मुख्यालय की ओर से संचालित आधुनिक राज-कॉप पुलिस एप के इस्तेमाल में जीआरपी थाने ने शानदार प्रदर्शन किया है। आगामी दिनों में ज्यादा इस्तेमाल कर और सुधार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज-कॉप पुलिस एप का इस्तेमाल पुलिस मुख्यालय जयपुर की ओर से पुलिस की कार्यप्रणाली में अनावश्यक देरी से बचने व आधुनिक अनुसंधान के तौर-तरीकों को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। राज-कॉप एप के इस्तेमाल से मोबाइल नम्बर की जांच, वाहन नम्बर की जानकारी, अपराधियों के संबंध में अतिशीघ्र सूचना का आदान प्रदान किया जा सकेगा।
पुलिस अधिकारियों व जवानों को एंड्रॉयड मोबाइल में राज-कॉप एप को डाउन लोड करके अपनी एसएसओ आईडी से लॉगिन कर अधिक से अधिक प्रयोग में लेकर पुलिस कार्यप्रणाली को सुदृढ़ बनाने के आदेश दिए गए थे। मुख्यालय के आदेश की पालना में एसपी जीआरपी पूजा अवाना के निर्देशन में अजमेर जीआरपी थाने के पुलिस अधिकारियों व जवानों ने एप को डाउन लोड करते हुए इस्तेमाल कर हुए कामकाज निपटाया। नतीजतन मुख्यालय की ओर से एप के इस्तेमाल में जारी की गई सूची में अजमेर जीआरपी 2 माह में टॉप दस थानों में शुमार रहा। मुख्यालय ने पहली सूची 15 मार्च को और दूसरी सूची 4 अप्रेल को जारी की। इसमें अजमेर क्रमश: तीसरे व छठे स्थान पर रहा।
बीकानेर पहले नम्बर पर राज-कॉप एप के इस्तेमाल में प्रदेशभर में मार्च में जारी हुई सूची में बीकानेर जिले में गंगाशहर थाना पहले स्थान पर रहा जबकि दूसरे स्थान पर टोंक का कोतवाली थाना रहा। तीसरे स्थान पर अजमेर जीआरपी, चौथे पर प्रतापगढ़ का प्रतापगढ़ थाना रहा। वहीं टोंक जिले का सदर थाना, टोडारायसिंह, मेहंदवास, पीपलू क्रमश: पांचवें, छठे, सातवें और नवें स्थान पर रहा। इसी तरह आठवें पर राजसमंद जिले का कुंवारिया थाना और दसवें पर कांकरोली थाना रहा।
टोंक को मिली टक्कर पहले माह के बाद अप्रेल में दूसरे जिलों से भी टोंक को टक्कर मिली। जहां मार्च में दस में से पांच थाने टोंक जिले के शामिल थे। वहीं अप्रेल में यह संख्या घटकर दो रह गई। अप्रेल माह में राजसमंद जिले के तीन थाने शामिल किए गए जबकि पहले स्थान पर बीकानेर का गंगाशहर और दूसरे पर टोंक का कोतवाली थाना ही रहा।
अजमेर टॉप दस से बाहर अजमेर पुलिस एप इस्तेमाल में टॉप दस में भी शामिल नहीं हो सकी। टॉप 10 थानों की सूची जारी होने के बाद अब पुलिस अधिकारियों व जवानों को राज-कॉप के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल के आदेश दिए गए है। जवानों को अनिवार्य रूप से एप डाउन लोड कर अपनी आईडी से इस्तेमाल की बात कही गई है।