
padampura village
रक्तिम तिवारी/अजमेर. नीम के पेड़ों और मोरों संरक्षण में अव्वल पदमपुरा गांव को महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय गोद लेगा। जिला प्रशासन और पंचायत के सहयोग से गांव में विकास कार्य कराए जाएंगे। विवि जल्द राजभवन को इसका प्रस्ताव बनाकर भेजेगा।
विवि ने साल 2018 में नरवर गांव को गोद लिया था। तीन साल में विवि ने स्कूल और अन्य भवनों का रंग-रोगन, 5 हजार लीटर की पानी की टंकी रखवाने के अलावा पौधरोपण कराया है। तीन साल की अवधि बीतने के बाद नियमानुसार विवि को नया गांव गोद लेना जरूरी है।
अब गोद लेंगे पदमपुरा को
विश्वविद्यालय अब पदमपुरा गांव को गोद लेगा। नोडल अधिकारी इसका प्रस्ताव बनाकर कुलाधिपति कलराज मिश्र और कुलपति प्रो. अनिल कुमार शुक्ला को देेंगे। इसकी मंजूरी मिलने के बाद गांव में जिला प्रशासन, विवि और पंचायत के सहयोग से शैक्षिक, सामाजिक विकास कार्य कराए जाएंगे।पेड़ों के संरक्षण में अव्वलपदमपुरा गांव नीम के पेड़ों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है। यहां नीम सहित अन्य पेड़ों को काटा नहीं जाता है। इसके चलते यहां राष्ट्रीय मोर भी बहुतायत में हैं। पदमपुरा गांव को पेड़ों के संरक्षण के कारण नीम गांव भी कहा जाता है।
चलाने होंगे यह कार्यक्रम(राजभवन के अनुसार)
-गांव में लघु एवं कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम
- बैंक और अन्य ऋण के लिए शिविर
-गांव में स्वच्छता-सामाजिक विकास कार्यक्रम
-पर्यावरण सुधार के लिए गांव में पौधरोपण
-स्कूल शिक्षा में विद्यार्थियों की सहायता
-ग्रामीणों के जीवन स्तर में सुधार/बदलाव पर रिपोर्ट
पेड़ों के लिए प्रसिद्ध पदमपुरा गांव को गोद लिया जाएगा। राजभवन और विवि प्रशासन को इसका प्रस्ताव बनाकर सौंपेंगे।
प्रो. प्रवीण माथुर, डीन छात्र कल्याण और नोडल अधिकारी
Published on:
19 Jan 2022 08:00 am
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