scriptसरकार भूमि के बदले भूमि प्रकरण मे नहीं ले रही निर्णय | Government is not taking decision on land in lieu of land | Patrika News

सरकार भूमि के बदले भूमि प्रकरण मे नहीं ले रही निर्णय

locationअजमेरPublished: Jul 24, 2021 10:04:26 pm

Submitted by:

bhupendra singh

मंत्रीगण की एम्पावर्ड कमेटी को करना है अनुमोदन
नगरीय विकास विभाग और एडीए तीन साल से पत्रों से आगे नहीं बढ़े
अटका हुआ है पृथ्वीराज नगर व डीडी पुरम का विकास

रायगढ़-सतारा, रत्नागिरी में भूस्खलन, दो दिन में 129 लोगों की मौत

रायगढ़-सतारा, रत्नागिरी में भूस्खलन, दो दिन में 129 लोगों की मौत

अजमेर. अधिकारियों की लापरवाही के कारण भूमि के बदले भूमि आवंटन समिति के प्रकरणों का मंत्रीगण की एम्पावर्ड से तीन साल बाद भी अनुमोदन नहीं हो सका। नगरीय विकास विभाग और अजमेर विकास प्राधिकरण के अधिकारी पिछले तीन सालों से पत्राचार में ही उलझे हुए हैं। इसके चलते अजमेर विकास प्राधिकरण की वर्ष 2007 में लांच की गई पृथ्वीराज नगर योजना और वर्ष 2012 में लांच की गई ब्यावर रोड स्थित दीन दयाल पुरम योजना में विकास ठप है। प्राधिकरण को भूमि देने खातेदार और प्राधिकरण से भूमि खरीदने वाले आवंटी वर्षो से प्राधिकरण के चक्कर लगा रहे है। प्राधिकरण द्वारा नगरीय विकास विभाग को पृथ्वीराज नगर तथा डीडीपुरम योजना के विकास में बाधक बने भूमि के लैंड फॉर लैंड के प्रकरणों को हल करने के लिए जवाब भेज चुका है। कई बार स्मरण पत्र भी भेजे जा चुके हैं। नगरीय विकास विभाग ने लैंड फॉर लैंड आवंटन समिति के प्रकरणों का मंत्रीगण की एम्पावर्ड कमेटी से अनुमोदन कराए जाने को लेकर प्राधिकरण से 6 बिन्दुओं पर जवाब मांगा था। प्राधिकरण के जवाब के बाद अब निर्णय मंत्रीगण की एम्पावर्ड कमेटी को लेना है।
पृथ्वीराज नगर

पृथ्वीराज योजना के लिए 2005 में माकड़वाली, चौरसियावास व आसपास के गावों की 1100 बीघा भूमि आवाप्त की गई। 2007 में 1100 प्लॉट की यह योजना लॉंच की गई। 90 फीसदी खातेदारों को भूमि के बदले भूमि दी जा चुकी है। 40 फीसदी को अभी भी इंतजार है। मुआवजा भी नहीं मिला है।
डीडीपुरम

डीडी पुरम योजना के लिए वर्ष 2009 में 2300 बीघा भूमि आवाप्त की गई। इसमें 1600 बीघा सरकारी व 800 बीघा खातेदारी भूमि है। 4000 से अधिक भूखंड के साथ योजना वर्ष 2012 में लांच हुई। 50 फीसदी से अधिक खातेदारों को भूमि के बदले भूमि नहीं मिली। इसके चलते इस योजना के 4 ब्लॉक में विवाद चल रहा है। खातेदार खेती कर रहे है। वे कब्जा छोडऩे को तैयार नहीं है। लीज मुक्ती की भी मांग की जा रही है। डीडी पुरम के कुछ खसरों में आबी भूमि किस्म की है।
34 अवार्ड प्रकरण लम्बित

पृथ्वरीराज नगर योजना का अवार्ड 12 जुलाई 2005 को, डीडी पुरम योजना का अवार्ड22 दिसम्बर 2009 को तथा चन्दवरदाई नगर का अवार्ड 6 अगस्त 1994 को जारी किया गया। पृथ्वीराज नगर योजना एवं डीडी पुरम योजना के अवार्ड मिश्रित नकद (नकद राशि व भूमि के बदले भूमि) के थे एवं चंद्रवरदाई नगर योजना का अवार्ड नकद राशि का था। खातेदारों द्वारा नकद राशि प्राप्त करने के बजाय भूमि के बदले विकसित भूमि प्राप्त करने में ही रूचि दर्शाई गई। जिससे अवार्ड वितरण नहीं हो पाए। पृथ्वीराज नगर योजना में 9, डीडी पुरम योजना में
23 एवं चन्द्र वरदाई नगर योजना में २ मामलों में न्यायालय में रेफरेंस (अवार्ड राशि जमा) विचाराधीन है। खातेदार को विकसित भूमि देने का निर्णयडीडी पुरम योजना में 20 प्रतिशत आवासीय एवं ५ प्रतिशत व्यावसायिक भूमि योजना में खातेदार को ही दिए जाने का प्रावधान होने से खातेदार को ही विकसित भूमि दिए जाना का निर्णय लिया गया हैं। 15 प्रतिशत विकसित भूमि राज्य सरकार के पूर्व के परिपत्रों के आधार पर दी जाएगी।
एडीए स्तर पर केवल कमेटी व चिट्ठी पत्री

पृथ्वीराज नगर के विकास में बाधक बने लैंड फॉर लैंड के प्रकरण निस्तारित करने तथा आवंटित भूखंडो के लिए कब्जे के निस्तारण के लिए प्राधिकरण आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है। कमेटी में भूमि आवाप्ति अधिकारी, प्राधिकरण तहसीलदार, योजना जेईएन,भू-अभिलेख निरीक्ष तथा योजना लिपिक को शामिल किया गया है। कमेटी को ३० जुलाई तक प्रत्येक विवादित भूखंड की रिपोर्ट तैयारी करनी है लेकिन मामला आगे बढ़ता नजर नहीं आ रहा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो