scriptकेवल बरसात में दिखता है ये नजारा, वरना नहीं देख सकते आप इस रंग को | Green Belt not increase in ajmer, plantation not success | Patrika News

केवल बरसात में दिखता है ये नजारा, वरना नहीं देख सकते आप इस रंग को

locationअजमेरPublished: Jun 02, 2019 03:06:12 pm

Submitted by:

raktim tiwari

अरावली की पहाडिय़ां और अजमेर शहर और जिला हरा-भरा दिखाई नहीं देता है।

green plants in ajmer

green plants in ajmer

रक्तिम तिवारी/अजमेर.

कभी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए मशहूर रहा अजमेर अब बढ़ते तापमान और घटती हरियाली का जिला बन रहा है। पिछले 20-25 साल में वन विभाग ने जिले में 60 लाख से ज्यादा पौधे लगवाए पर यह हरा-भरा दिखता नहीं है। तारागढ़, वैशाली नगर, शास्त्री नगर और अन्य पहाड़ी क्षेत्र में तो विभाग सघन पौधरोपण भी नहीं करा रहा है।
वन विभाग का विभिन्न परियोजनाओं में पौधरोपण कराना जारी है। इनमें राजस्थान जैव विविधता परियोजना, पर्यावरण वानिकी, वन विकास, राष्ट्रीय झील संरक्षण, नाबार्ड और अन्य योजनाएं शामिल हैं। सबसे पहले जापान के सहयोग से वर्ष 1990 से 1995-96 तक पौधरोपण कराया गया था। अनुमान के तौर विभाग 60 लाख से ज्यादा पौधे लगाने में करीब 15 से 18 करोड़ रुपए खर्च कर चुका है। फिर भी अरावली की पहाडिय़ां और अजमेर शहर और जिला हरा-भरा दिखाई नहीं देता है।
पौधों को पानी का संकट
प्रतिवर्ष मानसून (जुलाई से सितम्बर) के दौरान विभाग पौधरोपण कराता है। इस दौरान पौधे जड़ें तो पकड़ लेते हैं, पर बाद में इन्हें पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता। यही वजह है, कि अब तक लगाए गए 60 लाख पौधों में से करीब 28 लाख पौधे ही जीवित बचे हैं। वन और पहाड़ी क्षेत्र सूखा नजर आता है। साल 2015 में करीब 2 हजार हेक्टयेर क्षेत्र में पौधे लगाने थे लेकिन बरसात नहीं हो सकी। पिछले साल भी मानसून दगा दे गया।
तारागढ़ पर नहीं होता पौधरोपण

विभाग ने तारागढ़ पर लम्बे अर्से से पौधरोपण नहीं कराया है। विभाग का मानना है, कि यहां पौधों की बहुतायत है। इसीलिए पौधरोपण की जरूरत नहीं है। इसी तरह वैशाली नगर आंतेड़, शास्त्री नगर, लोहागल रोड, जटिया हिल्स और अन्य क्षेत्रों में भी पहाड़ों पर पौधरोपण नहीं हुआ है।
इन योजनाओं में हुआ है पौधरोपण
नाबार्ड योजना-(30,000)

कैम्पा योजना-(140500)
वानिकी विकास परियेाजना-(1781800)

राजस्थान जैव विविधता (3405250)
पर्यावरण वानिकी (3500)

वन विकास अभिकरण (18000)
परिभ्राषित वनों का पुनरोपरण (15000)

क्षतिपूर्ति पौधरोपण (9000)
गूगल परियोजना संरक्षण एवं वानिकी विकास (60, 520)
वृक्षारोपण (टीएफसी) 70000
राष्ट्रीय झील संरक्षण परियोजना (162400)

(स्त्रोत वन विभाग)

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो