पूर्व भाजपा सरकार ने 2014-15 के बजट में नगर वन उद्यान बनाने की घोषणा की थी। पर्याप्त जमीन नहीं मिलने और अन्य तकनीकी कारणों से इसमें देरी हो गई। 22 जून 2017 को पूर्व वन एवं पर्यावरण मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर (gajendra singh khimsar) ने उद्यान की नींव रखी थी। उद्यान में हुए यह निर्माणनगर वन उद्यान पाथ-वे (path way) बनाया गया है। पहाड़ों (hill area) से बहकर आने वाले पानी के संग्रहण (water conservation) के लिए पाल और नालों पर एनिकट बनाए गए हैं। बच्चों (childrens) के लिए झूले भी लगाए गए हैं। इसके अलावा तीन वॉच टावर बनाए गए हैं। चौथा निर्माणाधीन है।
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उद्यान में प्राकृतिक और कृत्रिम जलाशय है। इनमें पिछले दिनों हुई बरसात (rain water) से पानी की आवक हुई है। दो साल में उद्यान के जलाशयों (ponds) में पहली मर्तबा पानी आया है। इससे पेड़-पौधों (plants) और घास (green grass) की सिंचाई के पानी उपलब्ध हो सकेगा। अभी मानसून के 57 दिन और हैं। अच्छी बरसात से जलाशय लबालब हो सकते हैं।
उद्यान में प्राकृतिक और कृत्रिम जलाशय है। इनमें पिछले दिनों हुई बरसात (rain water) से पानी की आवक हुई है। दो साल में उद्यान के जलाशयों (ponds) में पहली मर्तबा पानी आया है। इससे पेड़-पौधों (plants) और घास (green grass) की सिंचाई के पानी उपलब्ध हो सकेगा। अभी मानसून के 57 दिन और हैं। अच्छी बरसात से जलाशय लबालब हो सकते हैं।
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उद्यान में पौधे और हरी घास लगाई गई है। यहां लोग सैर-सपाटा कर सकेंगे। परिसर में करीब 450 पौधे लगाए गए हैं। इनमें नीम, पीपल, बरगद, अमलताश, गुलमोहर और अन्य पौधे शामिल हैं। इन दिनों उद्यान में हरियाली छाई हुई है। वॉच टावर (watch tower)से समूची अरावली की पहाडिय़ों (aravalli hills)और शहर को देखा जा सकता है। यहां चौथा वॉच टावर निर्माणाधीन है। यहां कई वन्य जीव (wild animal) भी मौजूद हैं। इनमें खरगोश (rabit), जरख, सेवली, हिरण (dear) और अन्य जीव-जंतु दिखते रहते हैं। इसके अलावा क्षेत्र के बड़े पेड़ों पर तोता (parrot), मैना, कोयल (cuckoo) और अन्य पक्षी भी बहुतायत में हैं। नीलगाय यहां उद्यान में नुकसान कर देती हैं।
उद्यान में पौधे और हरी घास लगाई गई है। यहां लोग सैर-सपाटा कर सकेंगे। परिसर में करीब 450 पौधे लगाए गए हैं। इनमें नीम, पीपल, बरगद, अमलताश, गुलमोहर और अन्य पौधे शामिल हैं। इन दिनों उद्यान में हरियाली छाई हुई है। वॉच टावर (watch tower)से समूची अरावली की पहाडिय़ों (aravalli hills)और शहर को देखा जा सकता है। यहां चौथा वॉच टावर निर्माणाधीन है। यहां कई वन्य जीव (wild animal) भी मौजूद हैं। इनमें खरगोश (rabit), जरख, सेवली, हिरण (dear) और अन्य जीव-जंतु दिखते रहते हैं। इसके अलावा क्षेत्र के बड़े पेड़ों पर तोता (parrot), मैना, कोयल (cuckoo) और अन्य पक्षी भी बहुतायत में हैं। नीलगाय यहां उद्यान में नुकसान कर देती हैं।
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उद्यान के लिए प्रस्तावित जमीन : 75 हेक्टेयर
प्रस्तावित बजट : 1 करोड़ 75 लाख
मिलेगी यह सुविधाएं : वॉक-वे, दो व्यू पॉइन्ट, बायो टॉयलेट, चिल्ड्रन्स पार्क, नवगृह, योग वाटिका, साइकिल ट्रेक, पहाडिय़ों का पानी एकत्रित करने के लिए टैंक, गार्डन, स्मृति वन और अन्य
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प्रस्तावित बजट : 1 करोड़ 75 लाख
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