
डिप्टी सीएम की बैठक छोड़कर चली गईं विधायक भदेल,डिप्टी सीएम की बैठक छोड़कर चली गईं विधायक भदेल,,,,,,,
विवादित ढांचा ढहाए जाने की बरसी पर 1992 में देश के पांच शहरों में सीरियल बम धमाकों का मामला अंतिम दौर में आ गया है। टाडा कोर्ट में आरोपियों के साथ जांच एजेंसियों, सीबीआई व सरकार की ओर से अंतिम बहस पूर्ण कर ली गई है। अजमेर में डेजिग्नेटेड कोर्ट ऑफ राजस्थान (टाडा कोर्ट) ने मामले में 29 फरवरी को फैसला सुनाने की तारीख दी है। संयोग यह भी कि 20 साल पहले 28 फरवरी 2004 को टाडा कोर्ट ने ही मामले में 16 अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने चार आरोपियों को बरी कर शेष की सजा बहाल रखी थी।
यह था मामला. . .
वर्ष 1993 में सरकार बनाम डॉ जलीस अंसारी के नाम से प्रकरण दर्ज कर आरोपियों पर विवादित ढांचा ढहाए जाने की पहली बरसी पर देश के पांच शहरों में ट्रेनों में सीरियल बम धमाके करना का आरोप था। इनमें कोटा के आमली, कानपुर में दो ट्रेनों में, सूरत व सिंकदराबाद शामिल हुआ। इसमें सैकड़ों लोग हताहत हुए जबकि एक जने की मौत होना बताया गया। प्रकरण सीबीआई (सीबी) ने 1994 को प्रकरण को एक साथ क्लब करते हुए टाडा कोर्ट अजमेर भेज दिया। करीब 30 साल प्रकरण में सुनवाई चली।
यह बनाए आरोपी
डॉ जलीस अंसारी, अशफाक खान, हबीब अहमद, जमाल अल्वी, मोहम्मद अफ्फाक, फजलू रहमान, सीलम अंसारी, मोहम्मद जहीरुद्दीन,निसारुद्दीन,शमशुद्दीन, अजीमुद्दीन,युसूफ, अमीन, एजाज अहमद, अबरे रहमत अंसारी व अब्दुल करीम टुंडा।
इस तरह बीते 30 साल
- 1994 को प्रकरण टाडा कोर्ट में आया
- टाडा कोर्ट ने 28 फरवरी 2004 को सुनाई उम्रकैद।
- सुप्रीम कोर्ट में अपील में बरी - मोहम्मद युसूफ, सलीम अंसारी, मोहम्मद निसारुद्दीन, मोहम्मद जहीद्दुदीन।
फरार हुए - इरफान अहमद, निसार अहमद, मौहम्मद तुफैल।सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वर्ष 2015 से हो रही नियमित सुनवाई।
इन आरोपियों का होना है फैसला
अब्दुल करीम उर्फ टूंडा 2015 में नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार व अजमेर जेल स्थानांतरित, हमीदुदीन 2010 व इरफान 2014 से अजमेर जेल में।
Published on:
28 Feb 2024 12:04 am
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