
शिक्षा विभाग अब कैसे करेंगे सत्रांक का ‘तोल’
चन्द्र प्रकाश जोशी
अजमेर. शिक्षा विभाग में अधिकारियों की अनदेखी एवं शिविरा पंचांग की पालना में देरी की गाज विद्यार्थियों पर पड़ रही है। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षा में बैठने वाले बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों के अभी तक तीसरे टेस्ट नहीं हुए हैं और 29 फरवरी से बोर्ड परीक्षाओं की तिथि घोषित हो चुकी है। ऐसे में सत्रांक का मापदंड कैसे तय होगा इस पर संशय बना हुआ है।राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से सालाना परीक्षाएं 29 फरवरी से प्रस्तावित हैं। विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी के लिए 15 दिन पूर्व ही अवकाश हो जाएंगे। ऐसे में बारहवीं कक्षा के विद्यार्थी 14 फरवरी तक ही विद्यालयों में आ पाएंगे, जबकि विभाग की ओर से 8 फरवरी तक ही विद्यार्थियों की उपस्थिति मांग ली गई है। अब अगर तीन दिन विद्यार्थी विद्यालय नहीं आते हैं तो भी वे बोर्ड परीक्षा में बैठ सकेंगे। चूंकि उनकी उपस्थिति पूरी है।
तीसरे टेस्ट (परख) का नहीं आयोजन
शिक्षा विभाग की ओर से अर्द्धवार्षिक परीक्षा के बाद तीसरे टेस्ट का आयोजन होना था जो कि अभी तक नहीं हुआ। ऐसे में विद्यार्थियों को सत्रांक कैसे पूरे मिल सकेंगे।
यह है सत्रांक का फार्मूला
प्रथम टेस्ट, द्वितीय टेस्ट, अर्द्धवार्षिक परीक्षा एवं तृतीय टेस्ट के कुल 90 अंक में से 10 प्रतिशत अंक विद्यार्थियों के परिणाम में जुड़ने हैं। वहीं 5 अंक प्रोजेक्ट, 3 अंक उपस्थिति एवं 2 अंक अनुशासन के देय होकर कुल 20 अंक में से सत्रांक दिए जाने हैं।वहीं इस संबंध में जानकारी के लिए संयुक्त निदेशक राजेन्द्र कुमार शर्मा से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन वे उपलब्ध नहीं हो सके।
क्या रहेगा सत्रांक का मापदंड
बारहवीं बोर्ड परीक्षा 29 फरवरी से हो रही है। परीक्षा तैयारी के लिए 14 फरवरी के बाद विद्यार्थी विद्यालय नहीं आएंगे। उधर, अभी तक तीसरा टेस्ट नहीं है तो सत्रांक का मापदंड क्या रहेगा? इस बार बोर्ड परीक्षाएं फरवरी से ही हो रही हैं। विभागीय अधिकारियों ने अभी तक निदेशालय से भी मार्गदर्शन नहीं लिया है।रमेश आचार्य, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष, राज. शिक्षक संघ लोकतांत्रिक
Updated on:
11 Feb 2024 07:48 pm
Published on:
11 Feb 2024 07:47 pm
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