
जिसे मान रहे थे मृत उसी ने की मृतक बस कंडक्टर की शिनाख्त
अजमेर. लामाना (मांगलियावास) के निकट हुए सड़क हादसे(Road accident) में निजी बस का कंडक्टर भी काल का ग्रास बन गया। रविवार देर रात जिस ईंट-भट्टा ठेकेदार को मृत मानकर पुलिस ने शव मोर्चरी में रखवाया उसी ने कंडक्टर के शव की पहचान करते हुए खुद के जिंदा होने की बात कही। पुलिस ने सोमवार को अजमेर में 5 व ब्यावर में 3 का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव कायड़ विश्राम स्थली पहुंचाए। प्रशासनिक मदद से 5 एम्बुलेंस शव व एक बस में दुर्घटना में घायलों को लेकर उत्तर प्रदेश बरेली के लिए रवाना किया गया।
पुलिस के अनुसार मृतकों की रविवार देर रात बस कंडक्टर के शव की पहचान जायल तरनाऊ (नागौर) निवासी श्याम सुन्दर (40) पुत्र रामजीवन के रूप में की गई। मांगलियावास थाना पुलिस देर रात तक मृतकों की शिनाख्त में जुटी रही। जिस नियाज अली (ठेकेदार) को पुलिस मृत मान रही थी उसी ने जवाहरलाल नेहरू अस्पताल की मोर्चरी में रात डेढ़ बजे श्याम सुंदर की पहचान की। कंडक्टर की पहचान होते ही पुलिस ने उसके परिजन को इत्तला दी। सोमवार सुबह अन्य शव के साथ श्याम सुन्दर का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजन के सुपुर्द कर दिया गया।
'मैं तो जिंदा हूंÓ
पुलिस के अनुसार जब नियाज अली को ब्यावर से अजमेर लाया गया तो उसने खुद को जिंदा बताते हुए मोर्चरी में रखे शव की पहचान की। खास बात यह रही कि हादसे के बाद रिश्तेदार हारून ने अस्पताल की मोर्चरी में शव की पहचान नियाज अली के रूप में की थी, लेकिन देर रात नियाज के साथ अन्य घायल अजमेर पहुंचे तो मरने वालों के नाम स्पष्ट हो सके। गौरतलब है कि हादसे के बाद लामाना से कुछ घायलों को जेएलएन अस्पताल अजमेर तो करीब 20 घायलों को ब्यावर के अमृतकौर अस्पताल ले जाया गया था।
हादसे के मृतक
पुलिस के अनुसार बरेली फरीदपुर निवासी इदरिस (25) पुत्र नियामत शाह, आलिया (4) पुत्री फुरकान, मेहरून्निसा (20) पति बातूनशाह, इमरान (22) पुत्र रिजवान, आरिफ (12), शबनम (30), बिलकिस (3) व निजी बस का कंडक्टर श्याम सुंदर शामिल है।
Published on:
24 Sept 2019 04:00 am
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