
अजमेर/ पत्रिका.monsoon Update: मानसून का 85 दिन का सफर पूरा हो चुका है। 1 जून से अब तक 450 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है। जिले में औसत 550 मिलीमीटर के आंकड़े को पूरा करने के लिए 100 मिलीमीटर बरसात चाहिए। बचे 37 दिन में झमाझम बरसात हुई तो फायदा हो सकता है। जिले में मानसून की अवधि 1 जून से 30 सितम्बर (122 दिन) तक मानी जाती है। इस दौरान होने वाली बरसात से खेतों में सिंचाई, तालाबों-बांधों में पानी आता है। साथ ही सालभर जलापूर्ति के लिए पानी मिलता है। इस साल के मानसून के 85 दिन बीत चुके हैं।
जून-जुलाई में हुई भरपूर बरसात
मदस विश्वविद्यालय के पूर्व पर्यावरण विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. प्रवीण माथुर ने बताया कि 18 और 19 जून को चक्रवाती तूफान बिरपरजॉय और उसके बाद जुलाई में मानसून की सक्रियता से झमामझ बारिश हुई। अगस्त में लो प्रेशर हिमाचल प्रदेश और अन्य राज्यों में बना हुआ है। इसलिए देश के उत्तरी इलाकों मई में मानसून सुस्त है। ग्लोबल वार्मिंग से यूरोप-अमरीका में गर्मी बढ़ गई है। मानसून चक्र पर भी इसका असर पड़ा है।
नहीं सहेजते पानी को
जिले में प्रतिवर्ष करीब 5,550 एमसीएफटी पानी गिरता है। इसमें से 2500 एमसीएफटी पानी ही झीलों, बांधों, तालाबों अथवा एनिकट और भूमिगत टैंक तक पहुंचता है। घरों, नाले-नालियों से फालतू बहने वाली पानी को सहेजा नहीं जाता है।
25 अगस्त से बारिश की गतिविधियों में कमी
मौसम विभाग के मुताबिक मानसून की ट्रफलाइन हिमालय की तरफ शिफ्ट होने से राज्य के अधिकांश भागों में बारिश की गतिविधियों में कमी रहेगी। पश्चिमी राजस्थान में आगामी एक सप्ताह मौसम मुख्यतः शुष्क रहने की संभावना है। पूर्वी राजस्थान में 25 अगस्त से बारिश की गतिविधियों में कमी होने और 26अगस्त से अधिकांश भागों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहने की प्रबल संभावना है। इस सप्ताह के दौरान अधिकांश भागों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहने तथा सामान्य से कम बारिश होने की प्रबल संभावना है।
1 से 7 सितम्बर तक ऐसा रहेगा मौसम
मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के अनुसार 1 सितम्बर से 7 सितम्बर तक राज्य के अधिकांश भागों में कमजोर मानसून परिस्थितियां जारी रहने और सामान्य से कम बारिश होने की संभावना जताई है।
Updated on:
25 Aug 2023 03:00 pm
Published on:
25 Aug 2023 02:58 pm
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