6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

डेढ़ साल में केवल 7 हजार 200 मुकदमों का ही फैसलाराज्य के 13 प्रतिशत राजस्व केस राजस्व मंडल में ही पेंडिंग

राजस्व मंडल में बेपटरी हुई मुकदमों की सुनवाई ऑन लाइन व्यवस्था भी कारगर नहीं

2 min read
Google source verification
bor ajmer news

bor ajmer news

भूपेन्द्र सिंह

अजमेर. भूमि विवाद की राज्य की सबसे बड़ी अदालत राजस्व मंडल revenue board में हजारों मुकदमों revenue casesकी सुनवाई के लिए न तो ऑनलाइन व्यवस्था सफल हुई और न ऑफ लाइन व्यवस्था ही कारगर साबित हुई। वहीं रिश्वत लेकर फैसला सुनाने, विभिन्न मामलों को लेकर वकीलों का कार्यबहिष्कार, कोविड-19 के चलते उपजे हालातों से मुकदमों की सुनवाई व्यवस्था बेपटरी हुई। जहां वर्ष 2020 में केवल 5 हजार 13 मुकदमों का निपटारा हुआ वहीं जून 2021 तक तो केवल 2 हजार 182 मुकदमों में ही फैसला हुआ। इनमें से भी कई फैसले एसीबी की जांच के दायरे में चल रहे हैं। अभी भी राजस्व मंडल में मुकदमों की सुनवाई की नियमित नहीं हो सकी है। राज्य की भूमि विवादों की अदालतों की सबसे बड़ी अदालत राजस्व मंडल में ही 63 हजार 63 केस लम्बित चल रहे है। यह राजस्व अदालतों में लम्बित मुकदमों का 13 प्रतिशत है। राजस्व मंडल में मुकदमों की सुनवाई के लिए लाखों रूपए खर्च कर सेटअप तैयार किया किया, नया सॉफ्टवेयर भी लागू किया गया लेकिन वकीलों तथा राजस्व मंडल कार्मिकों ने इसमें रुचि नहीं दिखाई।

किस एक्ट के कितने मुकदमें

राजस्व मंडल में सर्वाधिक 36 हजार 732 मुकदमों टीनेंसी एक्ट से सम्बन्धित हैं। एसचीट एक्ट के 20, कोलोनाइजेशन के 1983 ,जमींदारी बिस्वेदारी अधिनियम के 6, जागीर/ एबोलेशन के 33, डायरेक्टर लैंड रिकॉर्ड के 34, पब्लिक डिमांड रिकवरी के 68, फोरेस्ट एक्ट के 12, राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम के 23 हजार 310, लैंड रिफार्म एएलओई के 16 तथा सीलिंग अधिनियम के 850 मुकदमों पेंडिगpending हैं।

पेंडेसी का ग्राफ

राजस्व मंडल में 4 प्रतिशत केस अपील से सम्बन्धित हैं। 83 प्रतिशत केस एक साल से अधिक पुराने हैं। 10 प्रतिशत केस एक साल से पुराने हैं। 4 प्रतिशत केस 6 महीने पुराने हैं। 2 प्रतिशत केस 1 साल पुराने हैं। 14 प्रतिशत केस अपील के हैं। 35 प्रतिशत केस दावे से जुड़े हैं। 6.5 प्रतिशत केस निगरानी के हैं। प्रार्थना पत्र के केस 22 प्रतिशत है। बहस के केस 10 प्रतिशत। अंतिम बहस से जुड़े केस 4.3 प्रतिशत है। नोटिस सम्मन से जुड़े 14 प्रशित केस है।

राजस्व अदालतों में 4 लाख मुकदमें पेडिंग

राजस्व मंडल व राजस्व अधीनस्थ अदालतों में करीब 4 लाख पेंडिंग हैं। राजस्व मंडल के अलावा 3 प्रतिशत राजस्व मुकदमों डीसी कोर्ट में 4 प्रतिशत एडीएम कोर्ट, 2.8 प्रतिशत डीएम कोर्ट तथा 60 प्रतिशत केस उपखंड अदालतों मे पेंडिंग चल रहे है।

इसलिए बढ़ रही है पेंडेसी

राजस्व मंडल में पुराने केस निस्तारण की दर कम हंै जबकि नए केस अधिक दर्ज हो रहे हैं, इसलिए पेंडेंसी बढ़ रही है। मुकदमों के दर्ज होने के बाद विपक्षी को नोटिस तामील होने और निचली अदालतों से रिकॉर्ड आने में ही कई कई साल लग जाते हैं। पुराने केसों के निस्तारण के लिए एकल व खंडपीठ का गठन तो हुआ है लेकिन पुराने केसों में वकील ही पैरवी करने से कतराते हैं। पिछले डेढ़ साल से राजस्व मंडल में केवल नाममात्र के फैसले ही हो रहे हैं। एक बार स्टे आदेश जारी होने के बाद कई साल तक स्टे जारी रहता है। कोरोना, लॉकडाउन के चलते करीब पांच माह तो काम ही नहीं हो सका।

read more: विरोध दरकिनार,राजस्व आयुक्तालय के गठन में लगी है सरकार


बड़ी खबरें

View All

अजमेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग