25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Innovation: सेंसर बताएगा मिट्टी की नमी, यूं मालूम होगी डस्टबिन की लोकेशन

टीम को देशभर में तृतीय स्थान हासिल हुआ है। कॉलेज जल्द दोनों प्रोजेक्ट का पेटेंट भी कराएगा।

2 min read
Google source verification
engineering college project

engineering college project

रक्तिम तिवारी/अजमेर.

मिट्टी में नमी की मात्र जांचने अथवा शहर में कचरा पात्र की लोकेशन ढूंढन के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। इंजीनियरिंग कॉलेज बड़लिया के विद्यार्थियों ने यहस्मार्ट प्रोजेक्ट तैयार किए हैं। उन्होंने जयपुर में आयोजित नेशनल हैकाथन-2019 में स्मार्ट सिटी इनोवेशन के तहत इनका प्रजन्टेशन दिया। टीम को देशभर में तृतीय स्थान हासिल हुआ है। कॉलेज जल्द दोनों प्रोजेक्ट का पेटेंट भी कराएगा।

Read More: बैट्री खराब हुई तो सोलर प्लांट ही हटाया

मणिपाल यूनिवर्सिटी जयपुर में हैकाथन-2019 का आयोजन हुआ। स्मार्ट सिटी इनोवेशन विषय पर आयोजित हैकाथन में प्रथम स्तर पर 350 टीम ने हिस्सा लिया। इसमें इंजीनियरिंग कॉलेज बड़लिया की टीम भी शामिल हुई। प्रथम स्तर में 170 टीम का द्वितीय स्तर पर चयन हुआ। देश भर के तकनीकी संस्थानों के विद्यार्थियों में स्मार्ट प्रोजेक्ट को लेकर कड़ा मुकाबला हुआ। इसमें सहायक आचार्य डॉ. ज्योति गजरानी, क्षितिज, अभय, पंकज, मुकुलढाका, राघव राठी और आयुष दीक्षित शामिल हुए। तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने विजेताओं को पुरस्कृत किया।

Read More: ब्यावर निवासी विवाहिता की अहमदाबाद में हत्या

सेंसर बताएंगे कचरा पात्र की लोकेशन
आम जनता और नगर निगम के लिए शहर में मौजूदा वक्त कचरा पात्रों की लोकेशन जानना आसान नहीं है। शहर के किस हिस्से कितने कचरा पात्र हैं, या नहीं इसकी निगरानी करना भी मुश्किल है। वेस्ट एंड वाटर मैनेजमेंट के तहत विद्यार्थियों ने स्मार्ट प्रोजेक्ट बनाया है। विद्यार्थियों ने एक एप्लीकेशन तैयार की है।

Read More: ZILA PARISHAD : स्थापना समिति की बैठक में बांटी राहत

तुरन्त अलर्ट मैसेज

इसके तहत डस्टबिन में सेंसर लगाए गए हैं। एप्लीकेशन के माध्यम से नगर निगम के पास प्रत्येक कचरा पात्र की लोकेशन बड़ी स्क्रीन, मोबाइल अथवा कंप्यूटर पर उपलब्ध रहती है। यह सेंसर डस्टबिन की लोकेशन के अलावा कूड़े की जानकारी देता है। कचरा पात्र में 75 प्रतिशत से ज्यादा कूड़ा एकत्रित होने और दो दिन से ज्यादा पुराना होने पर तत्काल नगर निगम के पास अलर्ट मैसेज पहुंचेगा। इससे अधिकारी कचरा पात्र को खाली कराने के बाद सफाई करा सकेंगे।

Read More: शिफ्ट नहीं हो सकी दुकानें, गुलाब बाड़ी आरओबी निर्माण हुआ बंद

सेंसर बताएंगे मिट्टी की नमी
स्मार्ट इरीगेशन सिस्टम के तहत विद्यार्थियों ने कृषि विभाग और किसानों के लिए एक प्रोजेक्ट तैयार किया है। इससे मिट्टी की नमी मालूम हो सकेगी। मिट्टी की नमी जांचने के लिए एक एप्लीकेशन तैयार की है। इसमें एक यंत्र भी बनाया गया है। इसमें सेंसर लगे हैं। इसे मिट्टी के पास ले जाते ही वह नमी की मात्रा बताता है। साथ ही उसमें पानी डालने की आवश्यकता है या नहीं इसका अलर्ट मैसेज भी मिलता है।

Read More: CBSE : परिणाम से संतुष्ट नहीं तो कॉपी दुबारा जंचवा सकेंगे विद्यार्थी


कॉलेज टीम ने सेंसर युक्त कचरा पात्र और मिट्टी की नमी जांचने का प्रोजेक्ट तैयार किया है। जल्द इसका पेटेंट कराया जाएगा। ताकि भविष्य में नगर निगम और कृषि विभाग को इसका लाभ मिल सके।

डॉ. उमाशंकर मोदानी, प्राचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज


बड़ी खबरें

View All

अजमेर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग