मूंग,उड़द व मूंगफली की गिरदावरी पूरी जिले में दलहन व तिलहन की गिरदावरी तहसीलों में पूरी हो चुकी है। जिले में 1 लाख 24 हजार 709 हेक्टेयर में 5 लाख 85 हजार 587 क्विंटल मूंग का उत्पादन हुआ है। प्रति हेक्टेयर 4.70 क्विंटल मंूग का उत्पादन हुआ है। इसी तरह 37 हजार 16 हेक्टेयर में 1 लाख 46 हजार 811 क्विंटल उड़द का उत्पादन हुआ। उड़द का उत्पादन 3.97 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हुआ है। जिले में 1 हजार 515 हेक्टेयर में 12 हजार 264 क्विंटल मूंगफली का उत्पादन हुआ है। प्रति हेक्टेयर 8.10 क्विंटल मंूगफली का उत्पादन हुआ है।
वर्ष में दो बार होती है गिरदावरी
वर्ष में दो बार होती है गिरदावरी
फसल गिरदावरी वर्ष में दो बार होती है। एक रवि और दूसरी खरीफ की फसल की। खरीफ की गिरदावरी 15 सितम्बर से 15 अक्टूबर तक होती है। पटवारी खेतो में फसलों को देखता है। फसल खराबे की आनुपातिक रिपोर्ट तैयार की जाती है। फसल खराबे के आधार पर कृषि आदान अनुदान किसान को दिया जाता है। 33 प्रतिशत से अधिक खराबे पर गांव को अभाष ग्रस्त घोषित करत हुए आदान अनुदान दिया जाता है।