scriptतीन तहसीलों में 25 फीसदी का आंकड़ा भी पार नहीं पांच दिन में फसल गिरदावरी पूरी करने के निर्देश | Instructions to complete the crop Girdawari in five days, not even cro | Patrika News

तीन तहसीलों में 25 फीसदी का आंकड़ा भी पार नहीं पांच दिन में फसल गिरदावरी पूरी करने के निर्देश

locationअजमेरPublished: Oct 15, 2019 10:16:02 pm

Submitted by:

bhupendra singh

अजमेर में फसल गिरदावरी का हाल
 

तीन तहसीलों में 25 फीसदी का आंकड़ा भी पार नहीं पांच दिन में फसल गिरदावरी पूरी करने के निर्देश

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अजमेर.जिला कलक्टर (भू अभिलेख) ने जिले के सभी तहसीलदारों को खरीफ की गिरदावरी पांच दिन में सौ फीसदी करवाने के लिए कार्मिकों को पाबंद करने के निर्देश दिए हैं। इसे सर्वो”ा प्राथमिकता देनी होगी। खरीफ की गिरदावरी 15 सितम्बर से 15 अक्टूबर तक होती है लेकिन कई तहसीलों में गिरदावरी को लेकर ढिलाई बरती जा रही है। अजमेर में चल रही ऑन लाइन गिरदावरी की 12 अक्टूबर तक की रिपोर्ट के अनुसार अजमेर की सावर तहसील में 99.98 प्रतिशत फसल गिरदावरी ऑन लाइन हो चुकी है। टाटगढ़ में 75.55 प्रतिशत, नसीराबाद में 53.77 प्रतिशत, रूपनगढ़ में 48.18 प्रतिशत, मसूदा में 39.33, बिजय नगर में 38.31 प्रतिशत, अजमेर में 37.91 प्रतिशत, पीसांगन में 33.89 प्रतिशत, पुष्कर में 26.93 प्रतिशत, केकड़ी में 23.71 प्रतिशत, टांटोटी में 17.73 प्रतिशत, भिनाय में 16.97 प्रतिशत ही ऑन लाइन गिरदावरी हुई है।
मूंग,उड़द व मूंगफली की गिरदावरी पूरी

जिले में दलहन व तिलहन की गिरदावरी तहसीलों में पूरी हो चुकी है। जिले में 1 लाख 24 हजार 709 हेक्टेयर में 5 लाख 85 हजार 587 क्विंटल मूंग का उत्पादन हुआ है। प्रति हेक्टेयर 4.70 क्विंटल मंूग का उत्पादन हुआ है। इसी तरह 37 हजार 16 हेक्टेयर में 1 लाख 46 हजार 811 क्विंटल उड़द का उत्पादन हुआ। उड़द का उत्पादन 3.97 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हुआ है। जिले में 1 हजार 515 हेक्टेयर में 12 हजार 264 क्विंटल मूंगफली का उत्पादन हुआ है। प्रति हेक्टेयर 8.10 क्विंटल मंूगफली का उत्पादन हुआ है।
वर्ष में दो बार होती है गिरदावरी
फसल गिरदावरी वर्ष में दो बार होती है। एक रवि और दूसरी खरीफ की फसल की। खरीफ की गिरदावरी 15 सितम्बर से 15 अक्टूबर तक होती है। पटवारी खेतो में फसलों को देखता है। फसल खराबे की आनुपातिक रिपोर्ट तैयार की जाती है। फसल खराबे के आधार पर कृषि आदान अनुदान किसान को दिया जाता है। 33 प्रतिशत से अधिक खराबे पर गांव को अभाष ग्रस्त घोषित करत हुए आदान अनुदान दिया जाता है।
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