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अजमेर.
वित्त वर्ष 2019-20 में डीन कमेटी को फिर लेखानुदान पारित करना पड़ेगा। ऐसा होने पर ही शिक्षकों, अधिकारियों और कार्मिकों को जुलाई से वेतन-भत्ते मिल सकेंगे।
विश्वविद्यालय में प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए सालाना लेखानुदान पारित किया जाता है। लेखानुदान में संभावित परीक्षात्मक आय, वेतन-भत्ते, विभिन्न मद में खर्चे शामिल होते हैं। इसके लिए कुलपति ही अधिकृत होते हैं। कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह के कामकाज पर हाईकोर्ट की पाबंदी के चलते वार्षिक लेखानुदान पारित नहीं हो पाया। राजभवन ने बीती मार्च में स्टाफ की तनख्वाह और भत्तों सहित पेंशन की स्वीकृति के लिए डीन कमेटी को अधिकृत किया। कमेटी के अप्रेल से जून तक का लेखानुदान पारित करने के बाद ही स्टाफ को वेतन-भत्ते मिल पाए हैं।
फिर पारित करना होगा लेखानुदान
डीन कमेटी को जुलाई से सितंबर की तनख्वाह, भत्तों और पेंशन स्वीकृति के लिए फिर लेखानुदान पारित करना पड़ेगा। कमेटी में प्रो. प्रवीण माथुर, प्रो. शिवदयाल सिंह और कार्यवाहक कुलसचिव भागीरथ सोनी शामिल है। कमेटी जल्द बैठक बुलाकर लेखानुदान को मंजूरी देगी।
मिली 7.40 करोड़ की ग्रांट
वित्त विभाग ने विश्वविद्यालय को ग्रांट के रूप में 7.40 करोड़ रुपए स्वीकृत किए हैं। इससे विश्वविद्यालय को वेतन-भत्ते, पैंशन देने में काफी सहूलियत हुई है। मालूम हो कि विश्वविद्यालय को सरकार से सालाना 3 करोड़ 60 लाख रुपए ही अनुदान मिलता है। जबकि शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों के वेतन-भत्तों, सेवानिवृत्त कार्मिकों की पैंशन के रूप में विश्वविद्यालय को प्रतिमाह दो करोड़ रुपए देने होते हैं।
Published on:
16 Jun 2019 08:14 am
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