
ajmer discom
ajmer discom consumer) से की जा रही गुड्स एंड सर्विस टेक्स( Gst) की वसूली का मामला विधानसभा में गूंजा है। अजमेर उत्तर के विधायक वासुदेव देवनानी के यह मामला विधानसभा में उठाया है। देवनानी के अनुसार तीनो डिस्कॉम की विद्युत दरों में अंतर है,अजमेर शहर में कनेक्शन के लिए जीएसटी लिया जा रहा है जबकि अन्य डिस्कॉम में नहीं। इस पर ऊर्जामंत्री बी.डी कल्ला ने अपने जवाब में मामले की जांच करवाने की बात कही है। देवनानी के विधानसभा क्षेत्र के पंचशील नगर में जीएसटी वसूला जा रहा है जबकि माकड़वाली में नहीं।
[typography_font:10pt;" >वहीं मामला विधानसभा में उठने के बाद अजमेर विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक वी.एस.भाटी फ्रेंचायजी कम्पनी टाटा पावर( Tata power )के सीईओ को पत्र लिख कर जीएसटी वसूली तुरंत बंद करने के निर्देश निर्देश दिए हैं। भाटी के अनुसार मामला गंभीर है उपभोक्ताओं पर जीएसटी के नाम पर अवैध भार नहीं डाला जाए साथ ही अजमेर डिस्कॉमे के नियमों की पालना की जाए। अब तक शहर के अजमेर उत्तर व दक्षिण क्षेत्र के हजारों विद्युत उपभोक्ताओं से करोड़ों रुपए का जीएसटी वसूला जा चुका है।
इन सेवाओं पर लग रहा जीएसटी
कम्पनी की ओर से नॉन टैरिफ सर्विस के तहत लाइन शिफ्टिंग, नई लाइन खींचने, नए कनेक्शन में लाइन खींचने पर, नए कनेक्शन में फिक्स चार्ज और मीटर बॉक्स पर जीएसटी,नए कनेक्शन में मीटर पर भी जीएसटी लगाया जा रहा है। इनके लिए डिमांड जारी करने के साथ ही 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने से नए कनेक्शन सहित अन्य कार्य मंहगे पड़ गए हैं।
बड़ा सवाल : अकेले अजमेर में ही जीएसटी क्यों?राजस्थान में अजमेर ही ऐसा शहर हैं, जहां फ्रैचायजी कम्पनी विद्युत कनेक्शन देने सहित अन्य पर होने वाले खर्च में जीएसटी वसूल रही है। जबकि अजमेर के अलावा जयपुर व जोधपुर डिस्कॉम सहित कोटा,भरतपुर तथा बीकानेर में विद्युत व्यवस्था संभाल रही अन्य अनुबंधित कम्पनी सीईएससी उपभोक्ताओं से जीएसटी नहीं वसूल रही है। जबकि रा’य में केवल टाटा पावर ही विद्युत उपभोक्ताओं से जीएसटी वसूली रही है।
जीएसटी से इतना बढ़ा भार- सर्विस डिस्कॉम कम्पनीनया कनेक्शन(सामान्य) &900 49&9
मीटर जांच -सिंगल फेस &5 41मीटर जांच-थ्री फेस 70 8&
डिस्कॉम इसलिए नहीं वसूल रहा जीएसटी
जीएसटी अधिनियम के नोटिफिकेशन संख्या 2/2017 दिनांक 28 जून 2017 तथा 12/2017 दिनांक 28 जून 2017 के तहत विद्युत प्रसारण व वितरण की गतिविधियां विद्युत वितरण निगमों के लिए कर मुक्त हैं। ऐसी गतिविधियां जिनके बिना विद्युत वितरण संभव नहीं है को विद्युत अधिनियम के तहत को परिपत्र संख्या 34/8/2018-जीएसटी के पैरा संख्या 4(1) के तहत कर योग्य माना गया है। जिसके विरुद्ध अजमेर डिस्कॉम सहित अन्य सरकारी कम्पनियों ने राजस्थान उ"ा न्यायालय की खंड पीठ के समक्ष रिट कर रखी है इसलिए टाटा पावर को जीएसटी वसूली का हक नहीं है।

Published on:
12 Jul 2019 05:01 am
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