जयपुर, जोधपुर, उदयपुर व अजमेर की आयकर विभाग की टीम ने शुक्रवार को भी मार्बल व्यवसायी के गुलाबबाड़ी स्थित बंगले, जयपुर रोड स्थित रिसोर्ट, किशनगढ़ स्थित मार्बल गैंगसा, गोदाम व सावर की माइंस पर सर्वे व सर्च अभियान जारी रखा। टीम को मार्बल व्यवसायी के बंगलों में मिली तिजोरियों में बड़ी मात्रा में नकदी व ज्वैलरी मिली है। नकदी की गिनती के लिए आयकर विभाग की टीमों को शहर की विभिन्न बैंकों से 4 नोट गिनने की मशीन उपलब्ध करवाई गई है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक रकम करोड़ों में है। इसके अलावा बड़ी संख्या में बेनामी सम्पतियों के दस्तावेज हैं। जिसकी आयकर विभाग की बेनाम सम्पति निषेध यूनिट पड़ताल में जुटी है। मार्बल व्यवसायियों के यहां चल रही कार्रवाई उप निदेशक अन्वेक्षण ममता मीणा के नेतृत्व में की जा रही है। हालांकि उन्होंने भी मामले में कुछ बताने से इनकार कर दिया।
गणना के बाद होगी पैनल्टी विभागीय सूत्रों के मुताबिक होटल से मार्बल व्यवसायी बने व्यापारी बंधुओं की आय की गणना करने के बाद टैक्स और उस पर लगाई जाने वाली पैनल्टी वसूलने का काम शुरू होगा। यह कितनी होगी इसका पता भी टैक्स के बकाया होने की मियाद यानी वर्ष से लगाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि बीते सालों में इनकम टैक्स की रेट में भी बदलाव आया है। ऐसे में कब, कितनी दर से इनकम टैक्स और उसकी पैनल्टी वसूली जानी है यह गणना के बाद ही खुलासा हो सकेगा। फिलहाल आयकर विभाग व्यवसायियों के मकान व प्रतिष्ठानों से मिली नकदी, ज्वैलरी और बेनामी सम्पति का सर्वे करने में जुटी है।
बैंक खाते-लॉकर अभी बाकी कार्रवाई में मार्बल व्यवसायी के बैंक खाते और लॉकर्स अभी बाकी है। जिन्हें खोलने के बाद उससे निकलने वाले धन का आकलन किया जाएगा। इसके अलावा व्यवसायियों की विदेश यात्रा, लग्जरी वाहनों को भी सर्वे में शामिल किया है।
सम्पतियां साझेदारी मार्बल व्यवसायी के यहां मिली सम्पतियों में अधिकांश साझेदारी में है। इससे सम्पतियों में शामिल साझेदारों को आयकर विभाग ने कार्रवाई के दायरे में लिया है। इसमें शहर का एक प्रॉपर्टी व होटल व्यवसायी भी शामिल है।