महावीर जयंती की पूर्व संध्या पर जैन समाज के प्रमुख लोगों ने कुछ ऐसे ही विचार व्यक्त किए . . धर्म से पहले राष्ट्र धर्म
भगवान महावीर स्वामी ने पूरी दुनिया को जियो और जीने दो का सिद्धांत दिया। यही सिद्धांत वर्तमान की माहौल में प्रतिपादित हो रहा है । महावीर जयंती के मौके पर यही संदेश है कि कोरोना महामारी जो आई है इसकी जड़ में जाना होगा और इसे खत्म करना होगा।
भगवान महावीर स्वामी ने पूरी दुनिया को जियो और जीने दो का सिद्धांत दिया। यही सिद्धांत वर्तमान की माहौल में प्रतिपादित हो रहा है । महावीर जयंती के मौके पर यही संदेश है कि कोरोना महामारी जो आई है इसकी जड़ में जाना होगा और इसे खत्म करना होगा।
— शिखर चंद सिंघवी , अध्यक्ष श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के कॉल नगर मंडल जैन समाज की सोच
पिछले 97 साल से लगातार महावीर जयंती पर जुलूस निकलता रहा है। इस बार कोरोना महामारी के चलते महावीर जयंती पर सभी तरह के छोटे-बड़े कार्यक्रम निरस्त कर दिए गए हैं । इसके पीछे जैन समाज की यही सोच है कि सबसे पहले राष्ट्र धर्म है मानव जीवन और मानव सभ्यता बचाना जरूरी है ।
पिछले 97 साल से लगातार महावीर जयंती पर जुलूस निकलता रहा है। इस बार कोरोना महामारी के चलते महावीर जयंती पर सभी तरह के छोटे-बड़े कार्यक्रम निरस्त कर दिए गए हैं । इसके पीछे जैन समाज की यही सोच है कि सबसे पहले राष्ट्र धर्म है मानव जीवन और मानव सभ्यता बचाना जरूरी है ।
–हेमंत जैन पांडे अध्यक्ष केसरगंज मंदिर कमेटी अजमेर सामाजिक समरसता का संदेश
अजमेर का जैन समाज यहां के विकास में सबसे आगे रहा है। जैन समाज के लोग सामाजिक समरसता का संदेश दे रहे हैं । भगवान महावीर का जन्म 2618 साल पहले हुआ तब से अब तक करोड़ों श्रावक महावीर भगवान महावीर के सिद्धांतों पर चले आ रहे हैं।
अजमेर का जैन समाज यहां के विकास में सबसे आगे रहा है। जैन समाज के लोग सामाजिक समरसता का संदेश दे रहे हैं । भगवान महावीर का जन्म 2618 साल पहले हुआ तब से अब तक करोड़ों श्रावक महावीर भगवान महावीर के सिद्धांतों पर चले आ रहे हैं।
—अनिल कोठारी, कोषाध्यक्ष, श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ बीके कौल नगर