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हेमन्त जोशी . कुचामनसिटी (नागौर)
वर्ष 2011 से देश में चल रही साक्षर भारत मिशन योजना बंद कर दी गई है। अब राज्य सरकारों को अपने स्तर पर ही योजना संचालित कर साक्षरता की दर को बढ़ाना है। इसके लिए प्रदेश में अब पढऩा-लिखना अभियान प्रस्तावित किया गया है। जिसकी कार्ययोजना तैयार कर केन्द्र सरकार को भिजवा दी गई है। जहां से मंजूरी मिलने के बाद इसे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
नई योजना तहत असाक्षरों को साक्षर करने के लिए समतुल्य शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन कर कक्षा 3,5,8 के समकक्ष शिक्षा प्रदान कर प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। सरकार ने जिला साक्षरता अधिकारियों के पद हटाने के साथ ही ब्लॉक साक्षरता समन्वयकों से नई योजना के लिए सुझाव मांगे थे। इन सुझावों के आधार पर अब नई योजना को क्रियान्वित किया जाएगा।
यह होंगे बदलाव
पढऩा-लिखना अभियान में साक्षरता समन्वयकों से मिले सुझावों के आधार पर असाक्षरों व समतुल्यता (कक्षा 3,5,व 8) के लिए पात्र शिक्षार्थियों का डोर-टू-डोर सर्वे करवाया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग के पीईईओ के अधीनस्थ पंचायत सहायकों/अध्यापकों द्वारा समुचित क्षेत्र निर्धारित कर सर्वे प्रस्तावित है। असाक्षरों को एक यूनिक आईडी नंबर जारी किया जाएगा, जिससे उन्हें भविष्य में ट्रेक किया जा सके। ग्राम पंचायत, ब्लॉक व जिला स्तर से सर्वे के पर्यवेक्षण व प्रबोधन की समुचित व्यवस्था की जाएगी। सर्वे के दौरान योग्य (विद्यालयी छात्रों सहित अन्य) स्वयंसेवी शिक्षकों का चिह्नीकरण, अभियान-परिचय व वातावरण निर्माण भी किया जा सकेगा। सर्वे के दौरान चिह्नित योग्य स्वयंसेवी शिक्षकों के अतिरिक्त महिला एवं बाल विकास विभाग की योग्य कार्मिकों यथा- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, साथिन, सहायिका को स्वयंसेवी शिक्षकों के रूप में चयनित किया जाने का भी प्रस्ताव है।
अक्षर ज्ञान के साथ रोजगार का होगा प्रयास
अक्षर ज्ञान के साथ-साथ रोजगार व आर्थिक आत्मनिर्भरता के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन कर कौशल प्रदान करना होगा। साक्षरता के साथ वित्तीय साक्षरता, डिजिटल साक्षरता, चुनावी साक्षरता व विधिक साक्षरता की गतिविधियों का आयोजन सम्बंधित विभागों के साथ सहयोग व समन्वय से आयोजित किया जाएगा। अभियान के संचालन में स्वयंसेवी संस्थाओं, राज्य सन्दर्भ केन्द्र, जन शिक्षण संस्थान, डाइट आदि का सहयोग लिया जाएगा। सरकार ने प्रस्तावित पढना-लिखना अभियान के लिए उचित नाम के भी प्रस्ताव मांगे थे।
सुझाव पर किया अमल
योजना के तहत मांगे गए सुझावों में कुचामन के ब्लॉक साक्षरता समन्वयक चंपालाल कुमावत ने भी जानकारी भिजवाई थी। कुमावत का दावा है कि उनके भेजे गए सुझावां में से अधिकतर को सरकार ने इस योजना के प्रस्ताव में शामिल किया है।
इनका कहना
सरकार के साक्षरता एवं सतत शिक्षा निदेशालय की ओर से नई योजना के लिए सुझाव मांगे थे। मेरे सुझावों को प्रदेश की कार्ययोजना में शामिल किया गया है। अब साक्षरता के लिए नई योजना प्रस्तावित है।
चंपालाल कुमावत, ब्लॉक साक्षरता समन्वयक, कुचामन
ब्लॉक स्तर से सुझाव मंगवा कर राज्य सरकार को भिजवा दिए। इसके बाद नई योजना केन्द्र सरकार की मंजूरी के लिए भेजी गई है।
रामनिवास, सहायक परियोजना अधिकारी, नागौर।
Published on:
06 Oct 2019 05:01 am
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