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लॉक डाउन: पहली बार बंद हुए बस स्टैंड के गेट

1100 बसें राजस्थान के विभिन्न शहरों के लिए आवागमन करीब 15 हजार मुसाफिको उनकी मंजिल तक पहुंचाती है

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Lockdown: Buses reached Puttaparthi, but permission not to get permiss

Lockdown: Buses reached Puttaparthi, but permission not to get permiss

भूपेन्द्र सिंह

अजमेर. न यात्रियों की भीड़ और न बसों का शोर। अजमेर के केन्द्रीय बस स्टैंड cbs पर इन दिनों यही नजारा है। आम दिनों में यहां से करीब 1100 बसें bus राजस्थान के विभिन्न शहरों के लिए आवागमन करते हुए करीब 15 हजार मुसाफिरों को उनकी मंजिल तक पहुंचाती है। इनमें अजमेर व अजमेरू डिपो की करीब 200 बसें भी शामिल हैं। बस स्टैड bud stend पर दिनभर विभिन्न मार्गों के लिए बसों का अनाउंसमेंट,सवारियों की रेलमपेल व बसों हॉर्न का शोर सुनाई देता है। लेकिन अब लॉक डाउन lock down के कारण स्टैंड पर खामोशी है। बस स्टैड पर रोडवेज rodewejके सैकड़ों कर्मचारी 24 घंटे अपनी ड्यूटी देते है लेकिन अब सिर्फ 2 चौकीदार ही नजर आ रहे हैं । रोडवेज के इतिहास में पहली रोडवेज बस स्टैंड के चारो प्रवेश द्वार बंद कर दिए गए है। दोनो मुख्यद्वारों को पुलिस ने बैरीकेटिंग के जरिए बंद कर दिया है। यहां पुलिस तैनात है। बस स्टैंड के अंदर बनी पुलिस चौकी भी खुली हुई। बसों को कार्यशाला में खड़ी करते हुए कार्यशाला पर भी ताला लगा दिया गया है। लॉक डाउन के बाद भी यहां जिला प्रशासन की मांग पर कुछ बसों को जयपुर, भरतपुर, बांसवाड़ा व अन्य जिलों के लिए भेजा गया था लेकिन अब न तो बसों की कोई मांग है और न ही अधिकारी ही इनके संचालन के लिए आ रहे हैं। कर्मचारी नेता भोलानाथ आचार्य ने बताया कि वर्ष 1990 में रोडवेज की सबसे बड़ी हड़ताल हुई थी इस दौरान भी कुछ बसों का संचालन पुलिस लाइन से हुआ था बस स्टैंड भी खुला रहता था लेकिन पहली बार बस स्टेड के द्वार बंद हुए हैं।
संकट में समन्वय के लिए कोर ग्रुप बनाए

कोरोना संक्रमण की आपदा से मुकाबले के लिए प्रशासनिक कवायद
उपखंड व ग्राम पंचायत स्तर पर होगा काम

अजमेर. कोरोना संक्रमण की आपदा से निपटने की कवायद में प्रशासनिक स्तर पर अन्तरविभागीय समन्वय व सहयोग के लिए उपखंड एवं ग्राम पंचायत स्तरीय कोर गु्रप का गठन किया गया है। जिला कलक्टर विश्व मोहन शर्मा ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए उपखंड मजिस्ट्रेट को प्रत्येक उपखंड मुख्यालय पर इन्सीडेंट कमांडर नियुक्त किया गया है।

ऐसा होगा ग्रुप का फॉर्मेशन

उपखंड स्तरीय कोर ग्रुप के लिए उपखण्ड मजिस्ट्रेट इन्सीडेंट कमांडर के रूप में ग्रुप के अध्यक्ष, पंचायत समिति के विकास अधिकारी संयोजक एवं तहसीलदार सहसंयोजक बनाए गए हैं। कोर गु्रप के अन्य सदस्यों में संबधित क्षेत्र के पुलिस उप अधीक्षक, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता, ब्लॉक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, कृषि विभाग के अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी एवं कृषि उपज मंडी के सचिव को नामित किया गया है। उपखण्ड स्तर पर 24 घंटे कंट्रोल रूम का संचालन भी किया जाएगा। इसी तरह ग्राम पंचायत स्तरीय कोर गु्रप के लिए पंचायत प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी अध्यक्ष, ग्राम विकास अधिकारी संयोजक, पटवारी सहसंयोजक तथा एएनएम, कृषि पर्यवेक्षक एवं महिला पर्यवेक्षक अथवा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सदस्य बनाए गए हैं।

यह करने होंगे काम

जिला कलक्टर के अनुसार इन कोर गु्रपों के द्वारा स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, दानदाताओं तथा स्वयंसेवी संगठनों से सहयोग, समन्वय एवं सामंजस्य कायम करते हुए कार्य किया जाएगा। इनके द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग, संसाधनों की उपलब्धता, खाद्य एवं राहत सामग्री का वितरण, क्वारन्टाइन सेंटर का प्रबन्धन, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, बचाव के उपायों का प्रचार-प्रसार, बाहर से आए व्यक्तियों के बारे में सूचना संकलन एवं गम्भीर स्थिति में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।

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