
toilets condition not better in ajmer
अजमेर।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर में बनाए गए सार्वजनिक शौचालयों पर कहीं ताले जड़े हैं तो कहीं सफाई व्यवस्था चौपट है। कुछ जगह तो शौचालयों को शराबियों ने अपना अड्डा बना रखा है। एक शौचालय में तो कारीगर ने गलत तकनीक इस्तेमाल की जिससे परिवार परेशान है। राजस्थान पत्रिका टीम की ओर से स्वच्छ भारत मिशन के तहत विभिन्न वार्डों एवं शहर में बनाए गए शौचालयों में आमजन को हो रही परेशानी का जायजा लिया गया।
हजारों/ लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए शौचालयों पर कहीं ताले लगे मिले तो कहीं सफाई के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है। आमजन में भी सफाई के प्रति जागरुकता की कमी निगम के लिए परेशानी बनी हुई है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए शौचालयों में कारीगर/ ठेकेदार की लापरवाही से दो शौचालय काम में नहीं आ रहे हैं। इस परेशानी के प्रयास शुरू कर दिए हैं।
केस : 1- एक पर ताला, दूसरे में सफाई नहीं
स्वच्छ भारत मिशन के तहत गंज में बनाए शौचालय में गंदगी पसरी हुई है। एक शौचालय पर ताला लगा हुआ है। एक महिला शौचालय में गंदगी पसरी हुई है। पास ही खुले शौचालय में शराब की बोतलों का ढेर लगा है। यहां सफाई की व्यवस्था नहीं है। पानी की टंकी छत पर रखी है मगर जिम्मेदार कर्मचारी की लारपवाही से दुर्गन्ध से लोग बेहाल हैं। पास में ठेला संचालक लच्छू के अनुसार कई बार तो वह कैंपर का पानी उसमें डालता है, ताकि सफाई हो और दुर्गन्ध कम आए।
केस : 2 - सार्वजनिक स्नानघर व शौचालय पर ताला
आजाद नगर क्षेत्र में स्वच्छ भारत मिशन के तहत एक संस्था की ओर से बनाए गए सार्वजनिक स्नानघर एवं शौचालय पर भी गुरुवार दोपहर ताला लगा मिला। क्षेत्रवासियों के अनुसार अधिकांश समय यहां ताला लगा रहता है, जिसका लाभ क्षेत्रवासियों को नहीं मिल रहा है।
सरकार का है अभियान
स्वच्छ भारत अभियान केंद्र सरकार ने वर्ष 2014 में शुरू किया था। पूरे भारत में खुद पीएम सहित कई नेताओं, संगठनों, विद्यार्थियों और आमजन ने स्वच्छता का संकल्प लिया। महज चार साल में अभियान ज्यादा सफल नहीं हो पाया है। अलबत्ता लोगों में सफाई के प्रति जागरुकता बढ़ी है, लेकिन देशभर में कई शहरों में गंदगी कायम है।
Published on:
18 May 2018 10:13 am
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