
cash loot from car
अजमेर. व्यापारी को लूटने (loot in ajmer) वाले बाइकर्स गैंग का रविवार सुबह तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। पुलिस अभय कमांड सेंटर और क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज (cctv footage) खंगाल रही है। वारदात के करीब 11 घंटे बीत चुके हैं। लेकिन अभी लुटेरे (bikers gang) पकड़ से दूर हैं।
रमेशचंद परिहानी (69) की पड़ाव में जेठानंद कंपनी नाम से फर्म है। वे शक्कर (suagar business) के थोक विक्रेता हैं। परिहानी रोजाना की तरह दुकान से कार ड्राइव (car drive) कर आनसागर लिंक रोड स्थित घर के लिए रवाना हुए। वे खाईलैंड, बजरंगढ़ चौराहा होते हुए सावित्री चौराहा-बीएसएनएल दफ्तर के सामने पहुंचे।
यूं रोका लुटेरों ने.....
पीछे से हेलमेट पहने दो बाइक सवार लुटेरों (bikers gang )ने अचानक कार को पीछे से टक्कर मारी। परिहानी कार को साइड में लगाया। वे उसे लॉक कर पीछे देखने गए। दोनों बाइक सवारों ने कार ढंग से नहीं चलाने और पैर पर टायर (car tyre )चढ़ाने की बात कहते हुए बातों (talking) में उलझा दिया। इसी दौरान एक लुटेरे ने अचानक ड्राइवर साइड (driver side glass) का कांच तोडकऱ सीट के नीचे रखा 4.60 लाख रुपए का बैग निकाल लिया।
बैग लेकर रफूचक्कर
कैश का बैग (cash bag) हाथ में आते ही बाइक सवार लुटेरा तत्काल कार तक पहुंच गया। परिहानी कुछ संभाल पाते उससे पहले दोनों लुटेरे बाइक पर बैठकर चंपत (abscond) हो गए। परिहानी के शोर मचाने तक लुटेरे (loot gang) आंखों से ओझल हो गए। उनकी सूचना पर पुत्र भरत तत्काल मौके पर पहुंचा। साथ ही क्रिश्चियगंज थाना पुलिस (police) भी पहुंच गई।
कमांड सेंटर पर किया चेक
पुलिस ने पहले जवाहर रंगमंच के आसपास के क्षेत्र में पूछताछ की। बाद में परिहानी और उनके छोटे पुत्र चंद्र प्रकाश को लेकर अभय कमांड सेंटर (abhay command center) पहुंची। यहां विभिन्न एंगल से कैमरे की डिटेल चेक की गई। पुलिस ने विभिन्न इलाकों (ajmer city area)में नाकाबंदी भी कराई पर लुटेरों का कोई सुराग (clue )नहीं मिल पाया।
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दुकान से कर रहे थे रेकी!
परिहानी के पुत्र भरत ने बताया कि घटना के बाद एक मेडिकल छात्र (medical student) मौके पर पहुंचा। उसने बताया कि बजरंगगढ़ के निकट सीताराम मंदिर (sitaram mandir) से ही दोनों लुटेरे कार के साथ बाइक दौड़ा (bike race)रहे थे। वे बार-बार हाथ से कार का पिछला हिस्से पर जोर-जोर थपकियां (struck) मारते दिख रहे थे।
कार से आते-जाते हैं परिहानी
परिहानी कई साल से कार ड्राइव कर रहे हैं। वे नियमित रूप से कार से दुकान आते-जाते हैं। साथ ही रोजाना का कैश कलेक्शन बैग (cash collection bag) भी साथ रखते हैं। यह कलेक्शन दूसरे दिन बैंक (bank )में जमा कराया जाता है।
लूट की खास वारदातें....
-21 फरवरी 19 को मनी एक्सचेंज व्यवसायी मनीष मूलचंदानी की दुकान पर एक गैंग में शामिल लुटेरे दिनदहाड़े कैश लूटकर भाग गए थे। मनीष के लुटेरों को पकडऩे का प्रयास करते देख सरगना रणजीत (रणसा) ने उस पर फायर कर दिया था। इससे मनीष की तत्काल मौत हो गई। बीती 16 जुलाई को पुलिस ने गैंग के गुर्गों को गिरफ्तार किया है।
-10 मई 19 को लक्ष्मीनारायण बैंडवाल के साथ लूट की वारदात हुई। किशोर और लुटेरे उसे बातों में उलझाकर सवा लाख की सोने की चेन और हाथ घड़ी उड़ा ले गए थे।
8 सिंतबर 2010 को सराधना के निकट अशोक मिडवे पर मेहसाणा निवासी अल्पेश कुमार का दिल्ली के लुटेरों ने अपहरण कर लिया था। लुटेरे अल्पेश को खोड़ा गणेश के निकट बांधकर 20 लाख रुपए का बैग लेकर रफूचक्कर हो गए थे। इस गैंग को पिछले साल 19 अप्रेल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
Published on:
04 Aug 2019 08:41 am
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