
अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने मुस्लिम बहुल इंडोनेशिया ने मुद्रा पर अंकित किए थे भगवान गणेश
धौलपुर. धौलपुर समेत देश भर में बुधवार को गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी। हिन्दू धर्म में कोई भी शुभ कार्य शुरू करने से पहले गणपति की पूजा जरूरी मानी जाती है। भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय माना जाता है। चतुर्थी तिथि पर गणेश प्रतिमा की स्थापना के साथ 10 दिनों तक गणेशोत्सव का पर्व मनाया जाता है। फिर अनंत चतुर्दशी के दिन प्रतिमा का विसर्जन करते हुए गणेशोत्सव पर्व संपन्न होता है। सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दूनिया में गणपति के उपासक हैं। चौंकाने वाला तथ्य यह है कि इंडोनेशिया की मुद्रा रुपिया पर गणेश की तस्वीर रह चुकी है। वह भी तब जब इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश है। ऐसे में यहां की करेंसी पर गणेश भगवान की तस्वीर होना सभी को अचरज में डालता है। इंडोनेशिया में करीब 87.5 फीसदी आबादी इस्लाम धर्म को मानती है। सिर्फ तीन फीसदी हिन्दू आबादी है। इसके बावजूद इंडोनेशिया और भारत की संस्कृति में कई तरह की समानताएं हैं।
अर्थव्यवस्था सुधारने को छापे श्रीगणेश
दरअसल, भगवान गणेश को कला और बुद्धि का भगवान माना जाता है। इसी वजह से यहां की करेंसी पर पहले भगवान गणेश की छवि अंकित होती थी। कुछ साल पहले इंडोनेशिया की अर्थव्यवस्था लडख़ड़ा गई थी। जिसके बाद वहां के अर्थशास्त्रियों ने विचार-विमर्श के बाद बीस हजार रुपिया का एक नया नोट जारी किया था। इस पर भगवान गणेश की तस्वीर को छापा गया।
रामायण भी है लोकप्रिय
इंडोनेशिया में आम जनजीवन में सांस्कृतिक विविधता नजर आ जाती है। रामायण पाठ और रामायण मंचन यहां की संस्कृति का अहम हिस्सा है। इंडोनेशिया हिंदू धर्म के साथ जुड़ी अपनी सांस्कृतिक पहचान के साथ बहुत सहज है।
जावा द्वीप पर हैं सर्वाधिक हिन्दू
जावा इंडोनेशिया का एक प्रमुख द्वीप है जहां लगभग 60 प्रतिशत आबादी हिंदू है। 13वीं से 15वीं शताब्दी के बीच यहां माजापाहित नाम का हिंदू साम्राज्य खूब फला फूला। जिससे यहां की संस्कृति, भाषा और भूमि पर हिंदू संस्कृति की अमिट छाप पड़ गई। इंडोनेशिया आधिकारिक तौर पर 6 धर्मों को मानता है जिसमें हिंदू धर्म को 1962 में जगह मिली।
Published on:
31 Aug 2022 01:51 am
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