
mds university ajmer
रक्तिम तिवारी/अजमेर.
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer) पर गंभीर संकट मंडराया हुआ है। यहां कुलपति के कामकाज पर 10 महीने से रोक जारी है। वहीं छात्रसंघ चुनाव (student union election 2019) के लिए कार्यरत डीन कमेटी (dean committee) भी अब कामकाज नहीं कर सकती है। ऐसे में कई प्रशासनिक फैसले अटक गए हैं।
विश्वविद्यालय में कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह (r.p.singh) के कामकाज पर 11 अक्टूबर से राजस्थान हाईकोर्ट (rajasthan high court) की रोक कायम है। हाईकोर्ट ने 2 अगस्त को हुई सुनवाई में फैसला सुरक्षित रखा था। इस दौरान छात्रसंघ चुनाव (chatr sangh chunav) पर संकट मंडराया तो राजभवन (raj bhawan) ने फरवरी में गठित डीन को ही कामकाज करने के निर्देश दिए। लेकिन यह आदेश छात्रसंघ चुनाव तक ही सीमित थे।
फिर मंडराया संकट
कमेटी सदस्य प्रो. प्रवीण माथुर का बतौर डीन 30 जुलाई को कार्यकाल खत्म हो गया था। ऐसे में कमेटी में प्रो. शिवदयाल सिंह और कार्यवाहक कुलसचिव भागीरथ सोनी ही सदस्य रह गए थे। छात्रसंघ चुनाव के चलते राजभवन ने कमेटी (dean committee) को कामकाज करने को कहा। यह कार्य भी पूरा हो चुका है। कुलपति और कमेटी की गैर मौजूदगी से विश्वविद्यालय (university) पर गंभीर संकट मंडरा चुका है।
कुलपति रहेंगे या जाएंगे.....
सीजे एस. रविंद्र भट्ट की खंडपीठ (high court double bench) ने कुलपति प्रकरण में फैसला सुरक्षित रखा है। अदालत ने फैसला (order) सुनाने के लिए कोई तारीख मुकर्रर नहीं की है। लिहाजा कुलपति सहित विश्वविद्यालय और सरकार-राजभवन (govt of rajasthan) की नजरें भी फैसले पर टिकी हैं। उधर सरकार विधानसभा में विश्वविद्यालय की विधियां (संशोधन) विधेयक 2019 पारित कर चुकी है। इसमें विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को हटाने (remove vice chancellor) को लेकर प्रावधान सुनिश्चित किया गया है।
कुलपतियों की बढ़ी धडकऩें
जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय (JNV Jodhpur) के पूर्व कुलपति प्रो. गुलाब सिंह के इस्तीफे, एम.एल. सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय (MLSU) के तत्कालीन कुलपति प्रो. जे. पी. शर्मा के लंबे अवकाश पर जाने से कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों (vice chancellor) में खलबली मची हुई है। प्रदेश में सर्वाधिक नजरें महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय की तरफ हैं।
Published on:
01 Sept 2019 12:40 pm
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